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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir [ ७ ] ચિતૌડકે પ્રાચીન જૈન શ્વેતામ્બર મદિર [૨૦૧ २ जैन कीर्तिस्तंभ आता है जिसको दिगंबर संप्रदाय के दधेरवाल महाजन सा. नायाके पुत्र जीजाने वि. सं. की चौदहवीं शताब्दीके उत्तरार्द्ध में बनवाया था । यह कीर्तिस्तंभ आदिनाथका स्मारक है | उसके चारों पार्श्व पर आदिनाथकी एक एक विशाल दिगंबर (नग्न) जैन मूर्ति खडी है और बाकांके भाग पर अनेक छोटी जैन मूर्ति यें खड़ी हुई हैं। इस कीर्तिस्तंभ उपरकी छत्री विजली गिरनेसे टूट गई और इस स्तंभको भी हानी पहुंची थी, परन्तु वर्तमान महाराणा ( फतह सिंहजी ) साहबने अनुमान ९००० रुपये लगाकर ठीक वैसी ही छत्री पीछी बनवा दी और स्तंभकी भी मरामत हो गई है। ३ जैन कीर्तिस्तंभके पास ही महावीर स्वामीका मंदिर है, जिसका जीर्णोद्धार महाराणा कुंभ के समय वि. सं. १४८५ में ओसवाल महाजन गुणराजने कराया था । इस समय यह मंदिर टूटीफूटी दशा में पडा हुआ है । ४ गोमुखके निकट महाराणा रायमलके समयका बना हुआ एक छोटा जैन मंदिर है जिसकी मूर्ति दक्षिणसे यहां लाई गई थी, क्योंकि उस मूर्तिके उपर प्राचीन कन्नडी लिपिका लेख है और नीचे के भागमें उस मूर्तिके यहां प्रतिष्ठित किये जानेके संबंध में वि. सं. १५४३ का लेख पोछेसे नागरी लिपिमें खोदा गया है। ५ बडी पोलके पूर्व में कई एक जैन मंदिर टूटीफूटी दशा में पडे हैं और इनमें से सतवीस देवल नामक जिनालय में खुदाईका काम बडा ही सुन्दर हुआ है । ६ जिसको सींगार चौरी कहते हैं इसके मध्ममें एक छोटीसी वेदी पर चार स्तंभवाली छत्री बनी हुई है । इसके एक स्तंभ पर खुदे हुए वि.सं. १५०५ के शिलालेख से ज्ञात होता है कि राणा कुंभा भंडारो वेलाकने जो केल्हाका पुत्र था शांतिनाथका यह जैन मंदिर बनवाया था और उसकी प्रतिष्ठा खरतरगच्छके आचार्य जिनसेन ( सुन्दर ? ) सूरिने को थी । ७ सूरजकुंडसे आगे जेमलपताकी हवेलीसे पूर्व जेमलके तलावके तट पर ६ बौद्ध स्तूप हैं जो इस समय तोपखानेके मकान के पास गडे हुए हैं' । १ इसका भलीभांति अवलोकन कर निर्णय करना आवश्यक है, ये जैन न हों। For Private And Personal Use Only
SR No.521630
Book TitleJain_Satyaprakash 1947 04
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJaindharm Satyaprakash Samiti - Ahmedabad
PublisherJaindharm Satyaprakash Samiti Ahmedabad
Publication Year1947
Total Pages36
LanguageGujarati
ClassificationMagazine, India_Jain Satyaprakash, & India
File Size17 MB
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