SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 27
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir | ૨૦૧ निर्माता शा. ईसर ४७ ચિતૌડકે પ્રાચીન જૈન શ્વેતાંબર મંદિર मंदिरका नाम प्रतिमासंख्या अन्य प्रतिमायें १ श्रेयांसनाथका मंदिर ८० प्रतिमायें स्तंभन एवं वीर २ आदिनाथ मंदिर ५४ , ३ सोमचिन्तामणि पार्श्व ३५०, सुमति सह ४ चंद्रप्रभ (चौमुख) । ५ आदिनाथ मंदिर १० ॥ ६ पार्श्वनाथ , ३५ , ७ सुमतिनाथ १३ " ८ वीरविहार (६० पगथिये) ३२८ आका शा.बाला ३४२ ० ०० - ९ पार्श्वमंदिर २ दीसी रतनइ ९ सुपार्श्वमंदिर । (कर्मसी) १० जैन कीर्तिस्तंभ (७ मंजिला) २००० , हं. पूना सुत ११ पाश्वमंदिर १२ चंद्रप्रभ १३ अदबुद (आदिनाथ) १५ , १ चारित्ररत्नगणि रचित चित्रकूटीय महावीरप्रासाद प्राशस्तिमें इस मंदिरके निर्माता ओसवाल गुणराज एवं प्रतिष्ठापक आचार्यपरंपराको विस्तृत वर्णन है। इस प्रशस्तिकी मूलप्रति भा. रि. इ. पूनेमें है, प्रतिलिपि हमारे संग्रहमें है। रोयल एसियाटीक सोसायटीके जर्नलमें भांडारकरने सन १९०८ में इसे प्रकाशित भी की है। प्रशस्तिके अनुसार इस मंदिरका दक्षिणवर्ती मंदिर पोरवाड कुमारपालने और उत्तरका ओसवाल तेज पुत्र भायाने बनवाया था। २ जैन गुर्जर कविओ भा. १ पृ. १९५ के अनुसार इनका निर्माण कर्माशाहने करवाया व प्रतिष्ठा विवेक मंडनने की। ३ इसके संबंधमें एक स्वतंत्र लेख लिखा गया है। ४ जैन साहित्य और इतिहासके पृ. ५३० के अनुसार इनके निर्माता जिनदास शाह थे। ब्र० शीतलप्रसादजीने अपने मध्यभारत व राजपूतानेके जैन स्मारकमें भी इसका उल्लेख किया है। इस ग्रन्थमें यह भी लिखा है कि यहांके श्याम पार्श्वनाथ मंदिरका निर्माण सं. १३३५ में रावल तेजसिंहकी धर्मपत्नी जैतलदेवीने करवाया था इसके लिये उनके पुत्र रावल कुमारसिंहने भूमिप्रदान की थी। For Private And Personal Use Only
SR No.521630
Book TitleJain_Satyaprakash 1947 04
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJaindharm Satyaprakash Samiti - Ahmedabad
PublisherJaindharm Satyaprakash Samiti Ahmedabad
Publication Year1947
Total Pages36
LanguageGujarati
ClassificationMagazine, India_Jain Satyaprakash, & India
File Size17 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy