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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir सराकजाति-कान्फ्रन्स, पावापुरी जैनजगतमें " सराकजाति " से प्रायः कोई भी व्यक्ति अज्ञात नहीं होगी, इसका श्रेय स्व. परमपूज्य न्यायविशारद न्यायतीर्थ उपाध्याय श्रीमंगलविजयजी महाराज साहब एवं बाबू साहब बहादूरसिंहजी सिंघोको है कि जिन्होंने इतने लम्बे समयसे विछुडी हुई प्राचीन साधर्मिक याने देवाधिदेव श्री पार्श्वप्रभु एवं श्रीवीरप्रभुके समयके श्रावकोंकी वंशपरंपरा सराकजातिकी खोज क के पुनः उनको जैनधर्ममें स्थिर करनेका कार्य चालू किया है, जिसको आज श्री जैनधर्म प्रचारक सभा मोहोदा एवं कलकत्ताने चालू रखकर सराक जातिके उद्धारकार्यमें प्रगति की है। प्रथम मात्र मानभूम जिल्लेमें ही कार्य चालू था, परन्तु अब इस संस्थाने मानभूम, रांची, वर्धमान, बांकुडा जिल्ला एवं सोंताल परगणेमें अपना धर्मप्रचारका कार्य चालू कर दिया है, इतना ही नहीं यदि जैन समाजकी तरफसे धनका विशेष प्रमाणमें सहयोग मिलेगा तो शीघ्र ही उडीसा प्रान्तमें एवं सी. पो. के तरफ अपने कार्यका विस्तार किया जायगा । सराकजाति प्रायः तीन लाखकी संख्यामें हो वैसा अनुमानसे कहा जा सकता है, परन्तु अपनी संस्था श्री जैनधर्म प्रचारक सभा मोहोदा एवं प्राचीन जैन सराक समिति बानपुर (वर्धमान )ने मानभूम, रांची, वर्धमान, बांकुडा एवं सोंताल परगणेमें सराक जनसंख्याका गणनाकार्य चालू कर दिया है, अत: आशा है हम प्रायः तीन-चार मासमें जैन समाजके सन्मुख जनसंख्याका रिपोर्ट प्रिन्ट करवा कर उपस्थित करेंगे। एक दूसरे जिल्लेके सराकभाईयोंका आचार-विचार, नामगोत्र, रीत-रिवाज, इत्यादि एकी मुताबिक होनेसे परस्पर संगठन, लेनदेन, सहयोग, विनिमय आदिका अभाव होनेसे, श्री प्राचीन जैन सराक समिति बार्नपुर (वर्धमान) नामक संस्थाके उत्साही कायकरोंको " सराकजाति कान्फ्रन्स" करनेका विचार उत्पन्न हुआ, एवं उन्होंने श्री जैनधर्म प्रचारक सभा कलकत्ताके सेक्रेटरी बाबू ताजमलजी बोथरासे निवेदन किया। अतः यह कान्फ्रसका आयोजन हो रहा है । आशा है जैन समाज आगामी दीपमालिका पर पावापुरीजीमें पधारकर साधर्मिक भाईयोंके उत्थानकार्यमें सहयोग देकर आभारी करें। पोस्ट-मोहोदा (मानभूम) P.O. MOHODA ( Manbhum) निवेदक: राजसिंहजी श्रीमाल सेक्रेटरी, श्री जैनधर्म प्रचारक सभा. For Private And Personal Use Only
SR No.521613
Book TitleJain_Satyaprakash 1945 08
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJaindharm Satyaprakash Samiti - Ahmedabad
PublisherJaindharm Satyaprakash Samiti Ahmedabad
Publication Year1945
Total Pages36
LanguageGujarati
ClassificationMagazine, India_Jain Satyaprakash, & India
File Size18 MB
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