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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir લેવાપાશ્વનાથાષ્ટકમ્ [४५] ज्वालामालागतफणभूतस्त्राणदाता दयेश : पार्श्वः पार्वाचितपदयुगः पातु वो लोद्रवाख्य : ॥ प्रशस्तिः ॥ [ शार्दूलविक्रिडितवृत्तम् ] दुर्वादिद्विपपश्चतुण्डसदृशाऽऽनन्दाख्यसरीशितुः पट्टे श्रीकमलाख्यमूरितिलको गङ्गातटे हंसवत् । तत्पडोदयशैलशृङ्गसवितुः श्रीलब्धिमुरीशितुरन्तेषद् भुवनाख्यवाचकमणिर्जीयाजगत्यां सदा ॥ १ ॥ [अनुष्टुप्छन्द : ] भद्रङ्करेण तच्छिष्या-णुकतुल्येन भिक्षुणा । जयतात्पुष्पदन्तान्तं दृब्धं स्तुत्यष्टकं मुदा ॥ २ ॥ [४३ वे पृष्ठका अनुसंधान ] यहां विराजमान की गई, फिर भले ही उसो दिन विराजमान की हो या पीछे, यह बात दूसरी है। बल्कि स्वयं श्रीविजयसेनसूरिजी ने इनको अपनी उपस्थित में ही विराजमान कराया हो तो असंभव नहीं है। किन्तु स्वयं उन्होंने कभी कावी में निर्दिष्ट तिथियों में प्रतिष्ठा की हो ऐसा इतिहास से नहीं जान पड़ता। यह बात पाठकों के ध्यान से बाहिर नहीं होगी कि खंभात के बिलकुल समीप ही कावी है। अन्त में श्रीयुत देसाईजी ने अन्यान्य लेख प्रकट करके बड़ा उपकार किया है, तभी तथ्य के बहुत कुछ संनिकट थे पंक्तियां लिखी जा सकीं हैं एवं श्री आदिनाथजी की चरण पादुका जिसका अशुद्ध और अपूर्ण लेख श्री जिनविजयजी के प्राचीन लेख संग्रह प्रा. २ले. ४५४ में छपा हुआ है उससे एक बड़ी ऐतिहासिक उलझन थी जो कि आपके शुद्ध और सम्पूर्ण लेख प्रकट करदेने से दूर हो गई, तदर्थ अनेकानेक साधुवाद। मूचना दें। कावी तीर्थके मेनेजर महोदय अथवा अन्य कोई सजन वहां की निनसूचित विनालेखपाली पांच मूर्तियों की बनावट और प्राचीनता के विषय में बारीकी से तपास करके पृथक् पृथक् शीघ्र रिपोर्ट प्रकाशित करने की कृपा करें ताकि वास्तविक तथ्य जानने में आवे अथवा निर्णय करने में सहायक हो: (१) सर्वनित प्रासाद के मूलनायक श्री ऋषभदेवजी और उनके आजुबाजु की एक एक मूर्ति। (२) रत्नतिलक प्रासाद के मूलनायक श्री धर्मनाथजो की जमणी (दाई) वाज वाली मूर्तियां। For Private And Personal Use Only
SR No.521562
Book TitleJain Satyaprakash 1940 09
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJaindharm Satyaprakash Samiti - Ahmedabad
PublisherJaindharm Satyaprakash Samiti Ahmedabad
Publication Year1940
Total Pages54
LanguageGujarati
ClassificationMagazine, India_Jain Satyaprakash, & India
File Size25 MB
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