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________________ (पुस्तक समीक्षा (1) पुस्तक का नाम : महावीर की जन्मभूमि 'कुण्डपुर' लेखक : राजमल जैन प्रकाशक : भगवान महावीर स्मारक समिति, राजेन्द्र नगर, पटना-16 संस्करण : प्रथम, 2003 ई., डिमाई साईज़, पेपरबैक, पृष्ठ 66 भगवान् महावीर की जन्मभूमि के विषय में वर्तमान में जो अप्रासंगिक विसंवाद उत्पन्न किया गया है, उसके बारे में यह कृति अत्यंत प्रामाणिकरूप से समस्त आशंकाओं का निवारण करते हुए मार्गदर्शन करती है। इसमें विद्वान् लेखक ने आजकल के समस्त आक्षेपों का विनम्र एवं शास्त्र-सम्मत समाधान देते हुए दृढ़तापूर्वक प्रमाणित किया है कि भगवान् महावीर की जन्मभूमि गंगा के उत्तरवर्ती विदेह राज्य की तत्कालीन राजधानी वैशाली के निकटवर्ती 'कुण्डपुर' है, जिसे आजकल बासोकुण्ड' के नाम से भी जानते हैं। इतने सारे प्रमाणों एवं तथ्यों की निर्विवाद प्रस्तुति के बाद भी यदि कोई किसी तरह का भ्रम शेष रखता है, तो उसके दो ही कारण हो सकते हैं- 1. या तो वह पूरी तरह से पूर्वाग्रह से युक्त है, और सत्य को स्वीकार ही नहीं करना चाहता, 2. अथवा उसे इतना विवेक ही नहीं है कि उगे हुए सूर्य की भाँति जाज्वल्यमान प्रमाणों के पुंज को देखकर भी वह सत्य का निर्णय नहीं कर पा रहा है। किसी भी पूर्वाग्रह या किसी के प्रति आक्षेप की भाषा अथवा मर्यादाविहीन-शब्दावली का कदापि प्रयोग किए बिना मात्र सत्य और तथ्य की निष्पक्ष प्रस्तुति की उदात्त-भावना ... से लिखी गई यह कृति 'गागर में सागर' की भाँति अत्यंत महनीय है। तथा प्रमाणों को भी इसमें बिना तोड़े-मरोड़े प्रामाणिक-रीति से ही प्रस्तुत किया गया है। ऐसी अनुपम विशेषताओं से संवलित इस महत्त्वपूर्ण प्रकाशन के लिए विद्वान् लेखक एवं प्रकाशक बारंबार अभिनन्दनीय है। यह कृति प्रत्येक जैन-मन्दिर में, पुस्तकालय में एवं जैनसंघ के प्रत्येक सदस्य एवं श्रावक-श्राविका के साथ-साथ जैनेतर जिज्ञासुओं के निजी संग्रह में अवश्य संग्रहणीय है। तथा निष्पक्षभाव से इसे पढ़ने पर महावीर की जन्मभूमि-विषयक विवाद दूर हो सकता है। –सम्पादक ** प्राकृतविद्या-जनवरी-जून '2003 (संयुक्तांक) 0089
SR No.521370
Book TitlePrakrit Vidya 2003 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRajaram Jain, Sudip Jain
PublisherKundkund Bharti Trust
Publication Year2003
Total Pages116
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Prakrit Vidya, & India
File Size12 MB
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