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के प्रकाशन-विभाग ने तो उन्हें Rock Giant कहकर इजिप्ट (मिस्रदेश) के द्वितीय रेमसे के समान विशाल एवं पवित्र बताया है। कुछ पुरातत्त्ववेत्ताओं ने इन मूर्तियों के कारण तथा गोपाचल-दुर्ग की कलात्मकता, भव्यता एवं विशालता तथा साहित्य एवं संगीत-साधना का केन्द्र होने के कारण उसे Pearl in the nacklace of castele of Hind कहकर उसकी प्रशंसा की है।
सुप्रसिद्ध पुरातत्ववेत्ता जनरल कनिंघम ने उक्त मूर्तियों का वर्गीकरण निम्नप्रकार किया है :
(1) उरवाही दरवाजे की जैन-मूर्तियाँ, (2) दक्षिण-पश्चिम की जैन-मूर्तियाँ, (3) उत्तर-पश्चिम समूह, (4) उत्तर-पूर्व समूह, एवं
(5) दक्षिण-पूर्व समूह। उरवाही-द्वार की जैन-मर्तियाँ
उरवाही-घाटी की दक्षिणी ओर प्रमुख 22 दिगम्बर जैन-मूर्तियाँ है। उनके ऊपर जो मूर्तिलेख अंकित हैं, उनमें से 6 लेख पठनीय हैं और वे वि.सं. 1497 से 1510 के मध्यवर्ती तोमर-राजाओं के राज्यकाल के हैं। इन मूर्तियों में से क्रम सं. 17-20 एवं 22 मुख्य हैं। क्रम सं. 17 में आदिनाथ भगवान् की मूर्ति है, जिसपर वृषभ का चिह्न स्पष्ट है। इस पर एक विस्तृत-लेख भी अंकित है, जिसका अध्ययन सुप्रसिद्ध पुरातत्त्वविद् श्री राजेन्द्र लाल मित्रा ने किया है और रायल एशियाटिक सोसाइटी, बंगाल की शोध-पत्रिका में (1862 ई. पृ. 423) प्रकाशित हो चुका है। सबसे उत्तुंग-मूर्ति क्र.सं. 20 की है (जिसे बाबर ने भ्रमवश 40 फीट ऊँची बताई थी, जबकि वह वस्तुत: 58 फीट से भी अधिक ऊँची है) उसका पैर 9 फीट लम्बा है तथा उसकी लगभग 6.5 गुनी मूर्ति की पूर्ण लम्बाई है। इस मूर्ति के सम्मुख एक स्तम्भ है, जिसके चारों ओर मूर्तियाँ है। क्र.सं. 22 में श्री नेमिनाथ की मूर्ति है, जो 30 फीट ऊँची है। इनके अतिरिक्त आसपास में और भी कई मूर्तियाँ है, जिनका अध्ययन चट्टानों के इधर-उधर गिर जाने के कारण ठीक से नहीं किया जा सका। दक्षिण-पश्चिम की जैन-मूर्तियाँ
उरवाही की दीवाल के बाहर एक तालाब है, जिसके निकटवर्ती स्तम्भ पर 5 मूर्तियाँ प्रमुख हैं। इनमें से क्र.सं. 2 में सोती हुई एक महिला की मूर्ति है, जिसका मस्तक दक्षिण दिशा में तथा मुख पश्चिम-दिशा में है। इसकी लम्बाई 8 फीट है। उस पर जो पालिश है, वह अद्भुत है। सम्भवत: यह मूर्ति त्रिशला की हो । क्र.सं. 3 में बैठा हुआ दम्पत्ति-युगल है, जिसके समीप में एक बच्चा है। सम्भवत: वे राजा सिद्धार्थ एवं त्रिशला हैं, जो शिशु महावीर को गोद में लिए हुए हैं।
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प्राकृतविद्या जनवरी-जून '2003 (संयुक्तांक)