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अतिथि माननीय श्री शिवराज पाटिल जी, उपनेता कांग्रेस संसदीय दल ने पुरस्कार समर्पित किया। समारोह की अध्यक्षता पद्मश्री ओमप्रकाश जैन, अध्यक्ष संस्कृति फाउण्डेशन ने की। इस अवसर पर श्री कोकब हमीद, ग्रामीण अभियंत्रण विकास मंत्री, उ.प्र. सरकार विशिष्ट अतिथि के रूप में विराजमान थे। प्रशस्ति-वाचन डॉ. प्रेमसुमन जैन, उदयपुर ने किया, तथा विशेष उद्गार प्रो. राजाराम जैन एवं श्री पुनीत जैन ने व्यक्त किए। समागत अतिथियों एवं विद्वानों का भावभीना स्वागत पुरस्कार-समिति के प्रमुख श्री सुखमाल चन्द जैन दालवालों ने किया।
-सम्पादक ** 'अहिंसा-पुरस्कार' श्री बालासाहेब जाधव को समर्पित
अहिंसा-प्रसारक ट्रस्ट, मुम्बई द्वारा प्रवर्तित प्रतिष्ठित 'अहिंसा-पुरस्कार' इस वर्ष पद्मश्री प्रताप सिंह जाधव उर्फ बाळासाहेब जाधव कोल्हापुर वालों को दिनांक 14 अप्रैल 2003 को पूज्य आचार्यश्री विद्यानन्द जी मुनिराज की पावन सन्निधि में आयोजित भव्य-समारोह में परेड ग्राउण्ड के 'आचार्य कुन्दकुन्द सभामण्डप' में समर्पित किया गया।
समारोह के मुख्य अतिथि माननीय श्री अशोक जैन, • पद्मश्री प्रताप सिंह जाधव
महापौर दिल्ली नगर निगम ने पुरस्कार समर्पित किया। समारोह की अध्यक्षता श्री सुभाष चोपड़ा, अध्यक्ष दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने की। पुरस्कार-समिति की प्रमुख धर्मानुरागिणी श्रीमती सरयू दफ्तरी ने समागत-अतिथियों एवं विद्वानों का भावभीना स्वागत किया। प्रशस्ति-वाचन डॉ. सत्यप्रकाश जैन ने किया। -सम्पादक **
ब्राह्मी-पुरस्कार (2002) एवं आचार्य भद्रबाहु-पुरस्कार (2003) समर्पित
आचार्यश्री विद्यानन्द जी मुनिराज के 79वें 'पीयूष-पर्व-महोत्सव' के सुअवसर पर दिनांक 22 अप्रैल 2003 को राजधानी नई दिल्ली के लिबर्टी छविगृह के भव्य सभागार में आयोजित समारोह में त्रिलोक उच्चस्तरीय अध्ययन एवं अनुसंधान संस्थान' की ओर से प्रवर्तित 'ब्राह्मी-पुरस्कार' प्रो. ओ.पी. अग्रवाल, लखनऊवालों को गरिमापूर्वक समर्पित किया गया। __ पूज्य आचार्यश्री के जन्मदिन के प्रसंग में देशभर से श्रद्धालुजन बड़ी संख्या में उपस्थित थे, और इस विशाल जनसमुदाय की उपस्थिति में समारोह के मुख्य अतिथि केन्द्रीय श्रम मंत्री डॉ. साहिब सिंह वर्मा ने कहा कि भगवान् महावीर के सिद्धांत आज भी सभी के लिए बहुत उपयोगी हैं। हम सबको उनका पालन करना चाहिए। उन्होंने कहा कि जैनदर्शन से उनके जीवन में भी बहुत परिवर्तन हुआ है। आचार्यश्री को भावभीनी विनयांजलि अर्पित करते हुए उन्होंने कहा कि इनका मार्गदर्शन एवं आशीर्वचन देश और समाज को लंबे समय तक . मिलता रहे। इनका दृष्टिकोण बहुत विशाल है।
• समारोह में भारतीय संस्कृति, पुरातत्व, कला, साहित्य एवं ज्ञान-विज्ञान के लिए प्रवर्तित 'ब्राह्मी-पुरस्कार' प्राचीन पाण्डुलिपियों एवं पुरातात्विक सामग्री के संरक्षण एवं
प्राकृतविद्या-जनवरी-जून '2003 (संयुक्तांक)
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