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संवर्द्धन के अंतर्राष्ट्रीय विशेषज्ञ प्रो. ओमप्रकाश जी अग्रवाल को माननीय साहिब सिंह जी वर्मा ने बहुमानपूर्वक समर्पित किया। पुरस्कार की सम्मान-राशि एक लाख रुपए का ड्राफ्ट प्रवर्तक संस्थान के मैनेजिंग ट्रस्टी श्री सी.पी. कोठारी ने अग्रवाल जी को समर्पित किया। सम्मान ग्रहण करते हुए डॉ. ओ.पी. अग्रवाल ने कहा कि हमारे देश में जैनधर्म की विशाल धरोहर है, लेकिन लोगों को इसकी जानकारी नहीं है। इस बारे में बहुत कुछ करने की आवश्यकता है। और मैं तन-मन-धन से इस दिशा में समर्पित होकर कार्य करूँगा। उन्होंने 'ब्राह्मी-पुरस्कार' दिए जाने के लिए पुरस्कार-समिति और चयन समिति के सदस्यों का आभार व्यक्त किया और पूज्य आचार्यश्री के श्रीचरणों में अपनी सहधर्मिणी के साथ कृतज्ञ विनयांजलि समर्पित की।
इसी समारोह में कुन्दकुन्द भारती न्यास द्वारा प्राच्य जैन-ज्योतिष, प्रतिष्ठा-विधि, वास्तुशास्त्र, तत्वज्ञान एवं संहिताविधि आदि के क्षेत्रों में उल्लेखनीय कार्य करनेवाले विद्वान् को सम्मानित करने के लिए इसी वर्ष से प्रवर्तित 'आचार्य भद्रबाहु-पुरस्कार' जैन-प्रतिष्ठा-विधि, वास्तुशास्त्र एवं ज्योतिषशास्त्र के विख्यात विद्वान् पं. बाहुबलि पार्श्वनाथ उपाध्ये, बेलगाम (कर्नाटक) को बहुमानपूर्वक समर्पित किया गया। प्रशस्ति-पत्र, स्मृति-चिह्न आदि का समर्पण माननीय साहिब सिंह वर्मा जी ने किया, तथा एक लाख रुपए की धनराशि का ड्राफ्ट कुन्दकुन्द भारती के न्यासी श्री सतीश जैन (एस.सी.जे.) ने समर्पित किया। ___ आचार्यश्री ने अपने आशीवर्चन में कहा कि अत्यंत प्राचीनकाल से भारत धर्मप्रधान देश रहा है, सभी शासकों ने सभी धर्मों के सन्तों एवं विद्वानों को आदर दिया है। यदि देश को बचाना है, आगे बढ़ाना है और महान् बनाना है तो विद्वानों का सम्मान करना ही होगा। भारतीय संस्कृति में जाति महत्त्वपूर्ण नहीं रही। यहाँ नीति श्रेष्ठ रही है। भगवान् महावीर ने भी अहिंसा, सत्य, अस्तेय, अपरिग्रह एवं ब्रह्मचर्य जैसे पाँच महान् सिद्धांत विश्व को दिए। यदि इन पर अमल किया जाए तो सारे विवाद खत्म हो जाएं। राम और भरत दोनों राजकार्य से निर्लेप रहे, आज के शासकों के लिए यह एक आदर्श उदाहरण है। .
समारोह के अध्यक्ष नवभारत टाइम्स के प्रकाशक श्री पुनीत जैन ने अपनी विनयांजलि में कहा कि आचार्यश्री ज्ञान के आगार हैं इनका क्षणिक सान्निध्य भी हर किसी को पुलकित कर देता है। जिसप्रकार पुरानी पीढ़ी को इनका सान्निध्य लंबे समय तक मिला है, उसीप्रकार युवा पीढ़ी को भी इनका मार्गदर्शन एवं आशीर्वचन दीर्घकाल तक मिलते रहना चाहिए। - समारोह में मूडबद्री के भट्टारक स्वामी जी, पूर्व सांसद निर्मलाताई देशपांडे जी, सांसद डॉ. अनिता आर्य, पूर्व सांसद डालचन्द जैन, साहू रमेश चन्द्र जैन, डॉ. त्रिलोक चन्द कोठारी, जस्टिस बिजेन्द्र जैन, श्रीमती सरयू दफ्तरी, श्री नरेश कुमार सेठी, श्री निर्मल सेठी, श्री अनिल जैन, कोठारी ग्रुप आदि गणमान्य व्यक्तियों ने भी विनयांजलि अर्पित की।
इस अवसर पर श्री नरेन्द्र जैन ग्रेसवे एडवरटाइजर्स द्वारा आचार्यश्री के जीवन चरित्र पर प्रकाशित आकर्षक कैलेंडर का विमोचन श्री वर्मा ने किया। समारोह का गरिमापूर्वक
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प्राकृतविद्या+जनवरी-जून '2003 (संयुक्तांक)