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________________ वाणीविभूषण, आध्यात्मिक तत्त्वज्ञानी, जैनरत्न, अध्यात्मदिवाकर, विद्यावाचस्पति, परमागमविशारद, अध्यात्म शिरोमणि आदि अनेकानेक उपाधियों से विभूषित तत्त्ववेत्ता डॉ. हुकमचन्दजी भारिल्ल को अध्यात्म स्टडी सर्किल, मुम्बई द्वारा महामहोपाध्याय की उपाधि से विभूषित किया गया है। अध्यात्म स्टडी सर्किल दिगम्बर-श्वेताम्बर आदि सभी जैनों में अध्यात्म का प्रचार-प्रसार करनेवाली बहुचर्चित संस्था है। डॉ. भारिल्ल विगत बीस वर्ष से इस संस्था से जुड़े हुये हैं और उनका सहयोग इसके जन्म से ही लगातार इसे प्राप्त हो रहा है। डॉ. भारिल्ल के प्रवचनों का आकर्षण ही एक ऐसा आकर्षण है; जो संस्था को दिन-दूनी रात चौगुनी प्रगति दिला रहा है। –सम्पादक ** प्राकृत-मनीषी प्रो. सत्यरंजन बनर्जी को राष्ट्रपति-सम्मान प्राच्य भारतीय भाषाओं के विशेषज्ञ तथा प्राकृतभाषा एवं जैनविद्या के क्षेत्र में कई दशकों से समर्पित रूप से कार्य करनेवाले विश्वविख्यात यशस्वी विद्वान् प्रो. सत्यरंजन बनर्जी को वर्ष 2002 का राष्ट्रपति-सम्मान घोषित किया गया है। उन्हें यह सम्मान पालिभाषा के क्षेत्र में कार्य करने के लिए दिया गया है। प्रो. बनर्जी 'जैन जर्नल' नामक प्रतिष्ठित शोध-पत्रिका के कई वर्षों से सम्पादक हैं, तथा कलकत्ता. दिल्ली एवं लाडनूं आदि अनेंको स्थानों पर प्राकृतभाषा और साहित्य के समुन्नयन के लिए समर्पित भाव से पिछले कई दशकों से काम कर रहे हैं। प्राकृतविद्या-परिवार उनकी इस अभूतपूर्व उपलब्धि के लिए उनका हार्दिक अभिनंदन करता है, और उनकी दीर्घायु एवं अच्छे स्वास्थ्य के साथ अनवरत साहित्य-सेवा के लिए अपनी मंगलकामनाएँ सादर समर्पित करता है। –सम्पादक ** श्रीकृष्ण सेमवाल को राष्ट्रपति-सम्मान 2002 दिल्ली संस्कृत-अकादमी के सचिव तथा राजधानी में पिछले कई दशकों से संस्कृतभाषा और साहित्य के प्रचार-प्रसार के लिए समर्पित मनीषी डॉ. श्रीकृष्ण सेमवाल जी को वर्ष 2002 का संस्कृतभाषा-विषयक राष्ट्रपति-पुरस्कार' घोषित हुआ है। भारतीय भाषाओं के इन विशिष्ट मनीषी एवं समर्पित समाजसेवी को यह पुरस्कार निश्चय ही महत्त्वपूर्ण उपलब्धि है, और उनकी इस उपलब्धि से समस्त भारतीय भाषाप्रेमी गौरवान्वित हैं। प्राकृतविद्या-परिवार उनकी इस अभूतपूर्व उपलब्धि के लिए उनका हार्दिक अभिनंदन करता है, और उनकी दीर्घायु एवं अच्छे स्वास्थ्य के साथ अनवरत साहित्य-सेवा के लिए अपनी मंगलकामनाएँ सादर समर्पित करता है। ____सम्पादक ** श्री राजेन्द्र जैन को राज्य-सम्मान तिलकवाड़ी बेलगाम (कर्नाटक) के सुप्रतिष्ठित नागरिक श्री राजेन्द्र जैन को बालदिवस के अवसर पर बाल कल्याण के क्षेत्र में उनकी उल्लेखनीय सेवाओं को दृष्टिगत रखते हुए कर्नाटक राज्य सरकार ने उन्हें सम्मानित किया है। 14 नवम्बर 2002 को बंगलौर में आयोजित एक राजकीय समारोह में महामहिम राज्यपाल श्री टी.एन. चतुर्वेदी जी ने उन्हें प्राकृतविद्या अक्तूबर-दिसम्बर '2002 . 00 107
SR No.521369
Book TitlePrakrit Vidya 2002 10
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRajaram Jain, Sudip Jain
PublisherKundkund Bharti Trust
Publication Year2002
Total Pages116
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Prakrit Vidya, & India
File Size14 MB
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