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________________ %e0008 PRETATER SOBHd.com श्री राजेन्द्र जैन को सम्मानित करते हुये कर्नाटक के राज्यपाल श्री टी.एन. चतुर्वेदी यह सम्मान शॉल, श्रीफल, पुष्प-स्तबक, मानद-राशि एवं प्रशस्ति-पत्र के साथ समर्पित किया। ज्ञातव्य है कि श्री राजेन्द्र जैन ने बेलगाम और उसके आसपास के जिलों में हजारों उपेक्षित और पिछड़े वर्ग के बच्चों के उत्थान के लिए बहुआयामी कार्य किये हैं। –सम्पादक ** विद्वत्परिषद् द्वारा मंगलतीर्थ-यात्रा का द्वितीय चरण प्रात: स्मरणीय पं. गणेशप्रसादजी वर्णी द्वारा स्थापित श्री अखिल भारतवर्षीय दिगम्बर जैन विद्वत्परिषद् इस वर्ष 22 से 30 दिसम्बर तक बुन्देलखण्ड की मंगल तीर्थयात्रा का सफल आयोजन करने जा रही है। स्मरण रहे कि दिसम्बर 2001 में आयोजित दक्षिण भारत की मंगल तीर्थयात्रा आज भी विद्वत्वर्ग के मानसपटल पर अंकित है। अब यह बन्देलखण्ड की यात्रा इसके द्वितीय चरण के रूप में अविस्मरणीय रहेगी। कार्यक्रम को अन्तिमरूप दिया जा रहा है। विद्वत्परिषद् के जो सदस्य महानुभाव इस यात्रा का लाभ लेना चाहें वे तत्काल सम्पर्क करें। -अखिल बंसल, दुर्गापुरा, जयपुर ** एन.सी.ई.आर.टी. की इतिहास-सम्बन्धी पुस्तकों में संशोधन राष्ट्रिय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद् द्वारा प्रकाशित इतिहास की पाठ्यपुस्तकों में जैनधर्म-दर्शन के महापुरुषों तथा भारतीय संस्कृति के अन्य महापुरुषों के बारे में जो अनर्गल तथा तथ्यरहित बातें प्रकाशित थीं, उन्हें संशोधित एवं परिमार्जित कर तथ्यपूर्ण रीति से सम्मान्य शब्दावलि में नये सिरे से निर्मित कर प्रकाशित किया गया है। ____ इस सम्बन्ध में उच्चतम न्यायालय के माननीय न्यायाधीशों- 1. न्यायमूर्ति एम.बी. शाह, 2. न्यायमूर्ति डी.एस. धर्माधिकारी एवं 3. न्यायमूर्ति एच.के. सेमा ने एक स्वर से बच्चों को संस्कृति के महापुरुषों एवं भारतीय धर्म-दर्शन के उदात्त विचारों को सिखाने की अनिवार्यता पर बल देते हुए इन पुस्तकों के प्रकाशन का मार्ग प्रशस्त किया है। 00 108 प्राकृतविद्या अक्तूबर-दिसम्बर 2002
SR No.521369
Book TitlePrakrit Vidya 2002 10
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRajaram Jain, Sudip Jain
PublisherKundkund Bharti Trust
Publication Year2002
Total Pages116
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Prakrit Vidya, & India
File Size14 MB
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