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जिसने बंधन त्याग दिये हैं। (25090) उपरोक्त के समान चित्र में व्यक्ति को नग्न अवस्था में कायोत्सर्ग मुद्रा में दिखाया गया है, जो पत्तों युक्त गोलाकार द्वार में दिखाया गया है। पुन: चित्र में जैनों के समान श्रमण- परम्परा के एक मुनि की चित्रात्मक अभिव्यक्ति प्रतीत होती है ।
3. योगाभ्यास, सील क्रमांक 2222, 104701 य शासनकर्ता
जो (स्वयं पर) शासन करता है।
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ff धारण किये एक व्यक्ति तख्त जैसे आसन पर विराजमान है । यह चित्र स्पष्ट रूप से योगसाधना में रत एक व्यक्ति का है, जिसे योगाभ्यास के रूप में स्वयं पर नियंत्रण करते हुए दर्शाया गया है ।
4. स्वयं में लीन, सील क्रमांक 2410, 100401 य व्रात्य / धर्म स्वसंग
जो व्रात्य या धर्मपुरुष स्वयं के साथ अर्थात् अकेला है। इसे सम्भवतः ऐसे भी कहा जा सकता है - जिसने सब बंधनों को त्याग दिया है और नितांत अकेला हो गया है ।
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यह चित्र छोटे सींग वाले एक सांड का है। हड़प्पा के लिपि के वाचन प्रयास का कार्य आगे बढ़ने से अनुभव होता है कि सम्भवत: छोटे सींग वाले सांड का यह चित्र मोहरों पर ऋषभ के प्रतीक के रूप में अंकित किया गया है। उसी को थोड़े व्यापक सन्दर्भ में शायद एक सींग वाले सांड अर्थात् यूनीकार्न के रूप में उकेरा जाता है। जब इसके साथ एक पौराणिक छत्र अर्थात् अक्ष का भी अंकन किया जाता है।
5. जड़ भरत", सील क्रमांक 4303, 216001 सत / सुत ज (द्व) व्रत
सुत य द्व वृत अथवा सुत जड़ भरत (ऋषभ ) पुत्र जिसके दो (जन्म) वृत ( यहाँ चित्रित हैं) अथवा (ऋषभ ) पुत्र (ही) जड़ भरत ( है ) ।
एक पक्की मिट्टी की पट्टिका के दोनों और दो अलग-अलग मोहरों के छापे अंकित हैं। हड़प्पा के प्रतीक चिह्नों के साथ एक दो मंजिला रूपाकार और एक त्रिशूलनुमा यष्टि के साथ स्थित एक छोटे सींग वाले सांड के बीच में एक मानवाकृति का चित्र है ।
यह पूरा फलक हड़प्पा की लेखन-पद्धति का दुर्लभ प्रमाण है, जिसमें लेखन और चित्रण की सीमायें निर्धारित नहीं की गई हैं । लेखन की समग्रता में चित्रण, प्रतीक चिह्न और अक्षर सब एक साथ हैं । सम्पूर्ण चित्र सम्भवत: ऋषभ के पुत्र भरत, जिसे 'जड़ भरत' के नाम से भी जाना जाता है। उसका एक जीवनकथा - अलंकरण है। 15 मजेदार तथ्य यह है कि जिसे महादेवन बीच की मानवाकृति मान रहे हैं, वह भी अक्षर - प्रतीक है 'सुत' अर्थात् 'पुत्र'। ऋषभ (छोटे सींग वाला सांड ) पुत्र और पालकी में बैठे सौवीरराज के बीच संवाद का दृश्य चित्रित किया गया है ।
बिना प्रतीक चिह्नों वाला फलक, दाँयी ओर से प्रारम्भ करके एक शेर, एक बकरी, एक आसन पर विराजमान एक व्यक्ति और पेड़ की मचान पर बैठा व्यक्ति नीचे शेर के साथ ।
प्राकृतविद्या+अक्तूबर-दिसम्बर 2000
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