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________________ भगवान् ऋषभदेव अन्तर्राष्ट्रीय निर्वाण महामहोत्सव वर्ष का भव्य समापन ___ 'भगवान् ऋषभदेव अन्तर्राष्ट्रीय निर्वाण महामहोत्सव वर्ष' का भव्य समापन तीर्थंकर ऋषभदेव तपस्थली, प्रयाग तीर्थक्षेत्र में हुआ। निर्वाण महामहोत्सव वर्ष में पूरे देश में भगवान् ऋषभदेव संगोष्ठियाँ, अनेकों सामाजिक, धार्मिक एवं शैक्षणिक कार्यक्रम, एवं पूरे देश में ऋषभदेव कीर्तिस्तम्भों का निर्माण इत्यादि आयोजन किये गये। -ब्र० रवीन्द्र कुमार जैन, प्रयाग ** आचार्य राजकुमार जैन भारत सरकार द्वारा पुरस्कृत भारत सरकार के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने आचार्य राजकुमार जैन द्वारा लिखित 'योग और आयुर्वेद' शीर्षक पुस्तक को बीस हजार रुपयों का पुरस्कार प्रदान किया है। यह पुरस्कार श्री जैन को दिनांक 29.1.2001 को स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, निर्माण भवन में आयोजित एक सादे किंतु गरिमामय समारोह में स्वास्थ्य सचिव श्री जावेद चौधरी द्वारा प्रदान किया गया। श्री राजकुमार जैन भारत सरकार के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के अधीन गठित भारतीय चिकित्सा केंद्रीय परिषद (नई दिल्ली) में निबंधक एवं सचिव के पद पर अपनी सेवायें लंबी अवधि तक दे चुके हैं। संपूर्ण भारत में आयुर्वेद की शिक्षा के स्तरोन्नयन में आपका योगदान प्रशंसनीय है। वर्तमान में “आयुर्वेद वाङ्मय की रचना प्रक्रिया में जैनाचार्यों का योगदान” विषय पर शोधकार्य में संलग्न है। –सम्पादक ** डॉ० गुरुदत्त प्रधान जी की राष्ट्रीय प्रशस्ति भारत के प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी के हाथों डॉ० प्रधान गुरुदत्त जी को राष्ट्रीय पुरस्कार (20,000/-रू०) प्रदान – कन्नड़ के महाकवि श्री कुवेम्पु जी के महाकाव्य (श्री रामायण दर्शनम) के अनुवाद के उपलक्ष्य में। इसी 2.3.2001 को प्रधानमंत्री जी के निवास में संपन्न पुरस्कार समारोह में यह पुरस्कार प्रदान किया गया। डॉ० प्रधान गुरुदत्त जी मैसूर विश्वविद्यालय के कृतकार्य प्राध्यापक है और कुन्दकुन्द भारती के कई कार्यक्रमों से संबद्ध हैं। –सम्पादक ** पत्राचार प्राकृत पाठ्यक्रम दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र श्रीमहावीरजी द्वारा संचालित अपभ्रंश साहित्य अकादमी द्वारा पत्राचार प्राकृत सर्टिफिकेट पाठ्यक्रम' सत्र । जुलाई, 2001 से प्रारम्भ होगा। नियमावली एवं आवेदन पत्र दिनांक 25 मार्च, से 15 अप्रैल, 2001 तक अकादमी कार्यालय, दिगम्बर जैन नसियाँ भट्टारकजी, सवाई रामसिंह रोड़, जयपुर-4 से प्राप्त करें। ___डॉ० कमलचन्द सोगाणी, जयपुर ** साहित्याचार्य जी का चिर-वियोग न्यायाचार्य पण्डित गणेशप्रसाद वर्णी के कृपापात्र मानस पुत्र, अनेकानेक पुराणों, ग्रन्थों ' 00 106 प्राकृतविद्या + अक्तूबर-दिसम्बर '2000
SR No.521364
Book TitlePrakrit Vidya 2000 10
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRajaram Jain, Sudip Jain
PublisherKundkund Bharti Trust
Publication Year2000
Total Pages116
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Prakrit Vidya, & India
File Size10 MB
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