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'प्राकृतविद्या' के वर्ष 10 एवं 11,अंक 1-4 में प्रकाशित लेखों का विवरण
-डॉ० सुदीप जैन वर्ष 10, अंक 1, अप्रैल-जून 1998 ई० क्र०सं० आलेख का शीर्षक ।
लेखक पृष्ठ संख्या 1. ण हि सव्वो सव्वं जाणादि (संपादकीय) डॉ० सुदीप जैन 5-9 2. उच्चकोटि के विद्वान् पुन: तैयार करें पं० नाथूलाल शास्त्री 10-11 3. ओड्मागधी प्राकृत : एक परिचयात्मक अनुशीलन डॉ० सुदीप जैन 12-15 4. शौरसेनी प्राकृत में प्राचीन भाषातत्त्व । प्रो० प्रेमसुमन जैन 27-37 5. दुर्लभ पाण्डुलिपि 'पुण्णासवकहा'
प्रो० राजाराम जैन 38-45 6. भारत के बाहर जैन-संस्कृति
श्रीमती रंजना जैन 47-52 7. प्राकृत में 'लकार' की स्थिति
डॉ० देवेन्द्र कुमार शास्त्री 54-61 8. निर्दोष वाचिक सहिष्णुता का सिद्धांत 'स्याद्वाद' डॉ० सुदीप जैन 62-68 9. स्याद्वाद एवं सप्तभंगी नय
69-73 10. मागधी प्राकृत का संक्षिप्त परिचय
76-78 11. समयसार के पाठ, कं० 14
डॉ० सुदीप जैन 79-81 12. आर्ट-पेपर हिंसक उपकरणों से निर्मित नहीं होता प्रवीण कुमार जैन 82-83 13. 'प्राकृतविद्या' में गतवर्ष प्रकाशित लेखों का विवरण डॉ० सुदीप जैन 84-86
पुस्तक समीक्षा1. 'भगवद्-विआहपण्णत्ती' 2. कातन्त्र व्याकरणं (प्रथमो भाग:) 3. अमर जैन शहीद
| डॉ० सुदीप जैन 4. अपभ्रंश भाषा और साहित्य की शोध-प्रवृत्तियाँ 15. गुणाढ्य की कथा
102-106
14.
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प्राकृतविद्या अप्रैल-जून '2000