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________________ (1) दो वर्षों के भीतर-भीतर कातन्त्र-व्याकरण विषयक एक राष्ट्रिय संगोष्ठी का आयोजन पुन: किया जाय। (2) श्री कुन्दकुन्द भारती प्रांगण में शीघ्र ही निर्मित कराये जाने वाले 'खारवेल भवन' में एक कातन्त्र पुस्तकालय की स्थापना की जाय, जिसमें देश-विदेश में उपलब्ध सभी कातन्त्र-सम्बन्धी पाण्डुलिपियों की मूल अथवा माइक्रोफिल्मिंग प्रतिलिपियों का संग्रह किया जाय, (3) कातन्त्र-व्याकरण के बहुआयामी शोधपरक मूल्यांकन-हेतु एक कातन्त्र-परिषद् की ___ स्थापना की जाये, जिसके माध्यम से कातन्त्र का बहुआयामी शोधकार्य गतिशील बना रहे तथा उसका प्रकाशन होता रहे। (4) कातन्त्रकालीन भारत' नामक एक सर्वोपयोगी ग्रन्थ की रचना की जाय, जिसमें भारतीय इतिहास, संस्कृति तथा उसके विविध अंगों को ससन्दर्भ प्रकाशन हो। (5) पूर्वोक्त कातन्त्र-विस्तर, दुर्गवृत्ति द्वयाश्रय काव्य एवं प्राकृत मिश्रित बालावबोध टीका का सम्पादन एवं प्रकाशन शीघ्र ही किया जाय। कुंबले ने कहा : शाकाहारी बनो आजकल बड़े क्रिकेटरों के नाम मैच फिक्सिंग से जोड़े जा रहे हैं, एक क्रिकेटर का नाम शाकाहार से जुड़ रहा है। लेग-स्पिनर अनिल कुम्बले आजकल जमकर शाकाहार की वकालत कर रहे हैं। 'पीपुल फॉर द एथिकल ट्रीटमेंट ऑफ एनिमल' की एक विज्ञप्ति के अनुसार अनिल कुम्बले का कहना है कि “शाकाहार पशुओं की रक्षा करता है। उनका यह भी मानना है कि शाकाहारी भोजन में सभी तरह के जरूरी विटामिन और प्रोटीन होते हैं। इसमें वसा, कोलेस्ट्रोल मांस से कम होते हैं।" कुम्बले ने शाकाहार को बढ़ावा देने के लिए हाल ही में एक विज्ञापन के लिए भी काम किया है। यह विज्ञापन क्रिकेट स्टेडियमों में अगले कुछ महीनों में दिखाई देगा। इस विज्ञापन में यह गेंदबाज बल्ला हाथ में लिए है और कह रहे हैं कि 'शाकाहारी हो जाओ'। भारत से पहले पेटा के अभियान के चलते अमेरिका में 1 करोड़ 70 लाख अमेरिकी शाकाहारी हो चुके हैं। इंग्लैंड में हर सप्ताह औसतन 2000 लोग शाकाहार को अपना रहे हैं। भारत में पेटा ने जनवरी में अपना अभियान शुरू किया था। इस अभियान में अमिताभ बच्चन, महिमा चौधरी, जूही चावला आदि कई भारतीय सितारे भी शामिल हो चुके हैं। -(साभार उद्धृत, नवभारत टाईम्स, 2 अगस्त 2000) ** 00 24 प्राकृतविद्या अप्रैल-जून '2000
SR No.521362
Book TitlePrakrit Vidya 2000 04
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRajaram Jain, Sudip Jain
PublisherKundkund Bharti Trust
Publication Year2000
Total Pages116
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Prakrit Vidya, & India
File Size9 MB
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