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________________ प्राकृतयाश्रयमहाकाव्यम् केढव-सयढारि-सढाल-विक्कमो फलिह-विमल-नेवच्छो । चविला-फालिअ-कुम्भो नहं व चविडाइ फाडतो ॥ ३६ ॥ अंकोल्ल-तेल्ल-णिद्धो असढो पिहडो कलाण सयलाण । लहु-जढर-पिढर-पडियार-पाडणत्ताण कय-कीलो ।। ३७ ॥ दढ-खन्ध-हार-नाडि पेल्लन्तो निविड-कच्छ-नालिमिभं । उव्वेलु-अचुच्छंकुस-अछुच्छ-वेणूहि आवरिओ ॥ ३८ ॥ अणतुच्छ-टयर-कप्पूर-धूव-महमहिअ-टसर-सुइ-वत्थो । कुमर-विहारे पत्तो टूवर-पडिहार-दिन्न-करो ॥ ३९ ॥ सुपइटुं सुपडायं वेडिस-दल-नील-भित्ति-गम्भिणयं । अणिउत्तय-फुल्ल-हरं बालाण वि रुण्ण-अवहरणं ॥ ४० ॥ बाहत्तरि-कल-सालाहण-सम-जणमलसि-कुसुम-कय-सोहं । पलिल-सिर-पलिअ-पीवल-करण-घुसणुमीस-ण्हवण-जलं ॥ ४१ ॥ पीअल-धाउ-विणिम्मिअ-विहत्थि-पम-माहुलिंग-आहरणं । भरह-जिण-भवण-सरिसं मंगल-वसहि सिरी-वसई ॥ ४२ ॥ अध काहल-भव्व-जणं सिढिलिअ-कलि-कालमसढिलाणन्दं । नयरस्स मेढिमूयं पढमं तित्थं व पुढवीए ॥ ४३ ॥ पुहवी-निसीढ-तम-भर-निसीहिणीनाह-सरिस-जिण-बिम्बं । खण्डिअ-डम्भिअ-दम्भं उद्दण्ड-सुवण्णमय-डण्डं ॥ ४४ ॥ डरिआणं दर-हरणं डड्डागरु-दड्ड-धूव-सुह-गन्धं । अहि-डसण-डट्ठ-सरणं दसण-कवाडंसु-दट्ठ-तमं ॥ ४५ ॥ डाहत्त-दाह-हरणं कय-डोहलयाण पुत्र-दोहलयं । कडण-मइ-चत्त-कदणं डब्भंकुर-नील-नीलमणि ॥ ४६ ॥ दब्भग्ग-मई दर-डोलिर-सीसमदोलिरेण हिअएण । दूरमहरं डसन्ते डहमाणो मिच्छ-दिट्ठि-जणे ॥ ४७ ।।
SR No.521038
Book TitleNandanvan Kalpataru 2017 06 SrNo 38
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKirtitrai
PublisherJain Granth Prakashan Samiti
Publication Year2017
Total Pages98
LanguageSanskrit, Prakrit
ClassificationMagazine, India_Nandanvan Kalpataru, & India
File Size8 MB
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