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1 आचार्य विद्यासागर ६. ऐ. श्री दर्शनसागरजी
७. क्षु. श्री चारित्रसागरजी
वर्षायोग
१९६८ सोनीजी की नसिया, अजमेर ( राजस्थान )
१९६९ केशरगंज, अजमेर
१९७० रेनवाल, किशनगंज ( राजस्थान ) १९७१ मदनगंज, किशनगढ़
१९७२ नसीराबाद (उत्तरप्रदेश ) १९७३ ब्यावर (राजस्थान ) १९७४ सोनीजी की नसिया, अजमेर १९७५ फीरोजाबाद (उत्तरप्रदेश) १९७६ कुण्डलपुर, दमोह ( मध्यप्रदेश ) १९७७ कुण्डलपुर, दमोह ( मध्यप्रदेश ) १९७८ नैनागिरि, छतरपुर (मध्यप्रदेश )
विद्यासागर - साहित्य
पद्यानुवाद इष्टोपदेश
एकाकी स्तोत्र
कल्याणमन्दिर स्तोत्र
तीर्थशतकम्
निजानुभव शतकम्
निरंजन शतकम्
भावना शतकम्
मुक्तक शतकम्
जैनगीता (समणसुत्तं)
योगसार
श्रमणशतकम्
समाधितन्त्र
प्रवचन संग्रह
प्रवचनामृत भाग १, २, ३ स्फुट रचनाएँ
श्रद्धाञ्जलियाँ : स्व. आचार्य
तीर्थंकर : नव. दिस. ७८
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श्री शान्तिसागरजी, स्व. आ. श्री वीरसागरजी, स्व. आ. श्री शिवसागरजी, स्व. आ. श्री ज्ञानसागरजी; शारदा-स्तुति (संस्कृत), माइ सेल्फ ( अंग्रेजी में कविता ) विविध: समाचार - पत्रक (मासिक), कलकत्ता का आचार्यश्री विद्यासागर- विशेषांक
प्रस्तुति : सि. सतीशचन्द्र जैन
• इघर आध्यात्मिक मस्ती में परितृप्त खड़खड़ काया, ऐसी जैसे आग में विदग्ध स्वर्ण । अभय की जीवन्त प्रतिमूर्ति । रोमरोम में आज भी जहाँ-तहाँ बालक विद्याधर, वैसा ही भोलापन, वैसी ही निरीह - निष्काम मुद्रा । सात सुरों के लय-पुरुष, संगीत में गहरी रुचि, कवि, भाषाविद्, दुर्द्धर साधक, तेजोमय तपस्वी | बोलने में मन्त्र-मुग्धता, आचरण में स्पष्टता, कहीं कोई प्रचारकामना नहीं; सर्वत्र सुख, शान्ति, स्वाध्याय ।
आचार्य विद्यासागर
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