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समाचार : शीर्षक-रहित ; किन्तु महत्त्वपूर्ण
-देवी-देवताओं के समक्ष निरपराध से पूर्ण शाकाहारी जीवन व्यतीत करने का पशु-पक्षियों की बलि-प्रथा को प्रतिबन्धित संकल्प किया है। इस प्रकार मध्यप्रदेश में करनेवाला विधेयक मध्यप्रदेश विधानसभा एक ग्राम पूर्ण शाकाहारी बनने का संकल्प द्वारा गत ७ मार्च को पारित कर दिया गया। कर एक आदर्श स्थापित किया है। यह २५००वें वीर निर्वाणत्सव पर राज्य शासन
जानकारी संत-सेवक समुद्यम परिषद् के ने एक अल्पावधि अधिनियम पारित कर
संयोजक श्री मानवमुनि ने दी है। पशु-पक्षियों की बलि-प्रथा पर प्रतिबन्ध
__-इन्दौर में श्री दि. जैन निकलंक लगाया था, परन्तु अधिनियम की अवधि समाप्त होने से पूर्व उसे कानून का रूप
नवयुवक मण्डल द्वारा 'गोम्मटेश्वर' नृत्यप्रदान नहीं किया जा सका । अहिंसा-प्रेमी
नाटिका की तैयारी की जा रही है। संस्थाएँ और कार्यकर्ता निरन्तर प्रयत्नशील
-श्री राजकृष्ण मेमोरियल लेक्चर्स थे। शासन के इस साहसिक कदम से लाखों
कमेटी के तत्त्वावधान में प्रो. बी. आर. मूक निरपराध पशु-पक्षियों को अभयदान सक्सेना के अंग्रेजी में 'जैनधर्म' विषयक प्राप्त हुआ है। इस पुनीत कार्य के लिए द्वि-दिवसीय (१० और १२ मार्च, ७९) अनेक अहिंसा-प्रेमी संस्थाओं ने प्रदेश के व्याख्यान दिल्ली विश्वविद्यालय में आयोमख्यमंत्री श्री वीरेन्द्रकुमार सखलेचा जित किये गये। और राज्य शासन का आभार माना है। -कर्नाटक के होम्बुज अतिशय क्षेत्र के -'भारतीय संस्कृति और साहित्य में
है रथोत्सव के अवसर पर २० मार्च को रंगों का अपना विशिष्ट महत्त्व है । वे काल
सर्वोदय संस्कृति (धर्म और साहित्य) के विभिन्न स्तरों पर पूरी जीवन्तता और
सम्मेलन आयोजित किये गये। महत्ता के साथ एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं।'
-बम्बई में श्री वर्धमान तप अनमोदन ये विचार फ्रान्स की चित्रकार सिस्टर समिति की ओर से दशाह्निका जिनेन्द्रजनिविव डे बआ ने 'तीर्थंकर' विचार-मंच भक्ति महोत्सव के उपलक्ष्य में गत १७ से के तत्त्वावधान में आयोजित 'रंगों की अर्थ- २६ मार्च तक विविध भव्य कार्यक्रम आयोवत्ता' विषय पर व्यक्त किये। इन्दौर में जित किये गये। गत २ मार्च को स्थानीय जाल संगोष्ठी-कक्ष -एलाचार्य मनि श्री विद्यानन्दजी का में मध्यप्रदेश के महाधिवक्ता श्री सूरजमल महावीर-जयन्ती तक अजमेर में कार्यक्रम गर्ग की अध्यक्षता में आयोजित इस कार्यक्रम है। मध्यप्रदेश में आगामी मई के प्रथम में श्री गर्ग ने रंगों को लेकर भारतीय साहित्य सप्ताह में शभागमन की संभावना है। से अनेक उदाहरण दिये। संचालन डॉ. इन्दौर में ७ जलाई, ७९ को उनके वर्षानेमीचन्द जैन ने किया तथा कलाकारों की योग का शुभारम्भ होगा। ओर से प्रो. चन्द्रेश सक्सेना ने आभार माना।
-श्री अ.भा. जैन विद्वत परिषद्, बीका-ग्राम कमलापुर (तह. सोनकच्छ, नेर द्वारा जो दो निबन्ध-प्रतियोगिताएं जिला : देवास, म. प्र.) के मालवीय बलाइयों आयोजित की जा रही हैं (जिनके समाचार (हरिजनों) के साठ परिवारों का एक तीर्थंकर' के मार्च-अंकः में प्रकाशित किये गाँव है। वहाँ लोगों ने एक धर्मसभा में गये थे). परीक्षाओं को ध्यान में रखकर मांस-भक्षण, पशुबलि, मद्यपान आदि इन दो निबन्धों को भेजने की अन्तिम तिथि बुराइयों का परित्याग करके सामूहिक रूप ३१ जुलाई, १९७९ तक बढ़ा दी गयी है।
तीर्थंकर : अप्रैल ७९/४६
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