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- आचार्य श्री तुलसी और युवाचार्य श्री महाप्रज्ञ (मुनि श्री नथमलजी) के दिल्ली आगमन पर गत १९ मार्च को लाल किले के दीवान-ए-आम में नागरिक अभिनन्दन आयोजित किया गया ।
- श्री अ. भा. साधुमार्गी जैन संघ, बीकानेर के तत्वावधान में संघ के कार्यकर्ताओं की धर्मपाल- क्षेत्र ( मध्यप्रदेश के बेरछा ग्राम से मक्सी ग्राम तक) जीवन-साधना, धर्म- जागरण एवं संस्कार - निर्माण पंच दिवसीय पदयात्रा (२० से २४ मार्च, ७९) तक आयोजित की गयी । डा. प्रेम सुमन जैन, डा. सागरमल जैन, डा. नन्दलाल बोरदिया, पं. नाथूलाल शास्त्री और डा. नेमीचन्द जैन ने पदयात्रियों को संबोधित किया । इसमें पश्चिम बंगाल, राजस्थान, गुजरात और मध्यप्रदेश से लगभग ७५ कार्यकर्ता सम्मिलित हुए । पदयात्रा को सफल बनाने में सर्व श्री सरदारमल कांकरिया, पी. सी. चोपड़ा, गणपतराज बोहरा और मानवमुनि का उल्लेखनीय सहयोग रहा ।
- साहित्य और कला के आयाम बहुत विस्तृत हैं । ये दोनों ही समय से जूझ सकते हैं । जो समय से जूझता है वही प्रतिष्ठितकालजयी होता है । हमारा यह विशेष दायित्व है कि पुरातन और नवीन चिन्तन को समन्ति करें। दोनों की अच्छाइयों और गहराइयों को आत्मसात करें ।' ये उद्गार डा. नेमीचन्द जैन ने दमोह के राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय की साहित्य एवं कला परिषद् के उद्घाटनसमारोह में प्रमुख अतिथि के रूप में गत १५ जनवरी को व्यक्त किये। उन्होंने अन्त में यह भी कहा कि हम मुनि की तरहसाधक की भांति साहित्य और कला -देवता की आराधना में प्रवृत्त हों तथा शाश्वत मूल्यों की सम्बर्द्धना करें।
- मदनगंज किशनगढ़ ( राजस्थान) में आगामी २५ से ३१ मई १९७९ तक
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पत्र
उच्चस्तरीय पत्र
'तीर्थंकर' के प्रत्येक अंक में आप इतनी अधिक ठोस, पठनीय एवं चिन्तन योग्य सामग्री देते हैं कि उसका अधिकांश भाग अपनी डायरी में लिखकर संग्रह करने में ही मुझे लगभग पूरा एक माह लग जाता है और तब तक आपका दूसरा अंक हाथ में आ जाता है । कमाल है आपके परिश्रम को, सूझबूझ को एवं साहित्यिक दृष्टि को ।
इस ढंग का उच्च स्तरीय पत्र ही आम जनता को सामाजिक, नैतिक व आध्यात्मिक स्तर को ऊँचा उठा सकता है। आज इसी प्रकार की सम्यक् क्रान्तिपूर्ण विचारधारा के सतत प्रवाह की आवश्यकता है । - हीराचन्द बोहरा, बजबज (प. बंगाल )
श्री आदिजिनेन्द्र पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव के अवसर पर अ. भा. दि. जैन विद्वतरिषद् की कार्यकारिणी को आमंत्रित किया गया है। एक संगोष्ठी का भी आयोजन किया जा रहा है । महोत्सव में आचार्य श्री विद्यासागरजी पधार रहे हैं । प्रतिष्ठा महोत्सव समिति के संयोजक श्री मूलचन्द लुहाड़या हैं ।
- दि. जैन कालेज, बड़ौत (उ.प्र.) में संस्कृत विभाग के अध्यक्ष डा. सुखनन्दन जैन का २६ मार्च को हृदयगति रुक जाने से टीकमगढ़ (म. प्र. ) में निधन हो गया । उनकी आयु ५५ वर्ष की थी ।
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तीर्थंकर : अप्रैल ७९/४७
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