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________________ डॉ. रवीन्द्रकुमार जैन का कार्यक्षेत्र अहिन्दी भाषी क्षेत्र रहा है। पूर्व में वे तिरुपति विश्वविद्यालय में थे। वर्तमान में दक्षिण भारत हिन्दी राष्ट्रभाषा प्रचार समिति द्वारा संचालित हिन्दी-शोध संस्थान, मद्रास के निदेशक हैं। उन्होंने जीवन-भर संघर्ष किया। विषम परिस्थितियों में भी उन्होंने स्वाभिमान पर आँच नहीं आने दी। उनके जीवन की झाँकी उनकी कविताओं में मिलती है। इस दिशा में उनकी कविताओं का संग्रह 'तप्तगृह' पठनीय है। डॉ. जैन ने महाकवि बनारसीदास के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर सर्वप्रथम शोध-कार्य प्रस्तुत किया है। जैन कोश-साहित्य के क्षेत्र में हमारे प्रबुद्ध जैनाचार्यों ने कोश-साहित्य के क्षेत्र में भी उल्लेखनीय कार्य किये हैं। इस प्रकार के कोश-ग्रन्थों में धनञ्जय नाममाला एवं विश्वलोचन कोश पर्यायवाची शब्दों की दृष्टि से महत्त्वपूर्ण हैं। विषय-संग्रह की दृष्टि से 'थिरुक्कूरल' एवं 'सुभाषित रत्न सन्दोह' अद्वितीय ग्रन्थ माने गये हैं। __जैन साहित्य में आधुनिक कोशों की कमी बड़ी खटकती रहती थी। विशिष्ट शब्दावली, विशिष्ट पदावली तथा अन्य सन्दर्भ आदि की खोज में शोधकर्ताओं को अनावश्यक रूप से कष्ट उठाना पड़ता था, अतः इस दिशा में भी दि. जैन विद्वानों ने कम, किन्तु अच्छे प्रयत्न किये हैं। उनका संक्षिप्त परिचय निम्न प्रकार है-- नाम संग्राहक नाम ग्रन्थ एवं प्रकाशक एवं विशेष अथवा सम्पादक पृ. सं. प्रकाशन-वर्ष है श्री बिहारीलाल हिन्दी साहित्य का स्वल्पार्थ ज्ञान रत्न दुर्भाग्य से संपादक चैतन्य (बलन्दशहर अभिधान के अंत- माला, बुलंदशहर के आकस्मिक जन्म १९६७वि.सं.) र्गत वृहत् जैन १९२५ ई. स्वर्गवास के कारण शब्दार्णव प्र. सं. छपकर ही (१९२५ ई.) रह गया। (पृ. सं .२८६) २. श्री उमरावसिंह टैक ए डिक्शनरी सेन्ट्रल जैन पब्लि- दुर्भाग्य से संपा. दिल्ली ऑफ जैन बिब्लियो- शिंग हाउस, आरा एवं प्रकाशक की ग्राफी, पार्ट १ १९१७ आकस्मिक मृत्यु के कारण इसका प्रथम अंश छपकर ही रह गया। ३. बाब छोटेलाल जैन, जैन विब्लियो यह कार्य भी अधूरा कलकत्ता ग्राफी ही रह गया। ४. पं. जुगलकिशोर पुरातन वाक्य सूची वीर सेवा मंदिर, मुख्तार सरमावा तीर्थंकर : अप्रैल ७९/३४ Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.520604
Book TitleTirthankar 1978 11 12
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNemichand Jain
PublisherHira Bhaiyya Prakashan Indore
Publication Year1978
Total Pages288
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Tirthankar, & India
File Size6 MB
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