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मध्यप्रदेश में ग्रामीण विकास के बढ़ते चरण
0 लगभग १५,००० ग्राम पंचायतों में शांतिपूर्ण चुनाव सम्पन्न हुए। आदिवासी जिले
बस्तर में प्रथम बार ग्राम पंचायतों का गठन हुआ।
0 जनपद पंचायतों की चुनावी प्रक्रिया शांतिपूर्ण ढंग से सम्पन्न । प्रत्येक विकास खण्ड
में प्रथम बार एक स्वतन्त्र जनपद पंचायत बनी। विकास खण्ड का प्रशासन जनपद ___पंचायत के अधीन हुआ।
0 ग्रामीण सचिवालयों के माध्यम से पंचायत, जनता और प्रशासन को करीब लाने . के संपूर्ण भारत में प्रथम प्रयोग की शुरुआत हुई। O 'फूड फार वर्क' कार्यक्रम की सहायता से ग्रामीण क्षेत्रों में १५ करोड़ रुपयों की लागत ____के कार्य प्रारम्भ हुए। 0 ग्रामीण रोजगार आश्वासन योजना के माध्यम से १२५ विकास खण्डों में निर्माण
कार्य प्रारम्भ हुए।
. सत्ता के विकेन्द्रीकरण से शीय विकास सू.प्र.सं./३५७/७९ संपादकीय, एक पाठ
तबीयत खुश विशेषांक का संपादकीय : 'साधुओं
विशेषांक मिला। तबीयत खश हो को नमस्कार' शब्दों के भेष में एक वयस्क
गयी। गतांकों में स्व. ब्र. सीतलप्रसादजी कविता है, जिसमें एक प्रश्न सौ प्रश्नों को
और स्व. पं. नाथू रामजी प्रेमी के बारे में प्रसृत करता है और फिर सौ समाधानों की बहुत ही सूक्ष्म-सी सामग्री दी गयी है। जबकि संरचना । संपादकीय मात्र संपादकीय
अपने जमाने में इनका योगदान कम नहीं नहीं है । एक पाठ है।
है। इन विभूतियों पर भी विशेषांक निकाले -सुरेश 'सरल', जबलपुर
जा सकते हैं। -भानुकुमार जैन, भोपाल
सब एक से एक बढ़कर मननीय
विशेषांक की साज-सज्जा तो सुन्दर है विशेषांक में पठित सामग्री का संकलन ही, उसमें प्रकाशित कविता एवं लेख तथा -संपादन आपकी बुद्धि का ही कौशल है। आचार्यश्री से भेंट का वर्णन जो दिये गये प्रत्येक लेख पठनीय व मननीय है। हैं, वे सब एक से एक बढ़कर हैं।
-सुन्दरलाल कोठारी, इन्दौर -दिग. जैन, १५ जन.'७९, आगरा
तीर्थकर : जन फर ७९/६४ Jain Education International
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