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साधना का राजमार्ग : (प्रेरक प्रवचन) : प्रवक्ता : रतन मनि; पूज्य श्री जयमल जैन ज्ञान भण्डार, कटंगी (बालाघाट). म. प्र.; मूल्य-दस रुपये ; पृष्ठ-३२८; डिमाई, सितम्बर, १९७८ ।
निर्वाण मार्गनं रहस्य (गजराती) : श्रीमद् राजचन्द्र के वचनामत १७२ तथा ८७५ पर विवेचन; विवेचक : भोगीलाल गि. शेठ; ए. एम. मेहता एण्ड कंपनी, शरफ मेन्शन, ३२, शामलदास गांधी मार्ग, बम्बई ४००-००२; अमूल्य ; पृष्ठ-१५८; क्राउन-१९७७ ।
सर्वतोमखी व्यक्तित्व (श्री चौथमलजी महाराज का संक्षिप्त जीवन वृत्त) : डा. पुरुषोत्तमरामचन्द्र जैन; जयध्वज प्रकाशन समिति, मिण्ट स्ट्रीट, मद्रास-१; प्राप्ति स्थान : पूज्य श्री जयमल ज्ञान भण्डार, जीपाड़ शहर ; मूल्य-पन्द्रह रुपये ; प. १९२; डिमाई-१९७८ ।
जैन दिवाकर तन्व ज्ञान की दिव्य किरणे : मनि भगवतीलाल 'निर्मल'; श्री वर्द्धमान जैन ज्ञानपीठ, तिरपाल, जि. उदयपुर ; मूल्य-तीन रुपये; पृष्ठ-१६४; पॉकेट, सितम्बर, १९७८ ।
साधक साथी (भाग १, गजराती) डा. मुकुंद सोनेजी; श्री सत्श्रुत सेवा साधना केन्द्र, मीठाखली, महाराष्ट्र सोसायटी, अहमदाबाद ३८०-००६; मूल्य-चार रुपये ; पृष्ठ-२१८; डिमाई-१९७७ । __वन्दना (प्रातः कालीन स्वाध्याय, प्रार्थना, स्तुति आदि का उपयोगी संग्रह) : संपा. चन्दनमल 'चाँद'; चाँद प्रकाशन, २ बी ५, प्रेमनगर, बोरीवली (पश्विम), बम्बई ४०००९२; मूल्य-तीन रुपये ; पृष्ठ-१२०; पॉकेट सितम्बर, १९७८ । ___ आत्माकीर्तन प्रवचन (गुजराती); प्रवक्ता : स्व. मनोहर वर्णी सहजानन्द ; अनुश्रीमती भावना सुरेशकुमार कोठारी; संपा.-ब्र. कपिलभाई कोटलिया ; गुजरात प्रान्तीय सहजानन्द साहित्य मंदिर, शाहपुर, अहमदाबाद; मूल्य-दो रुपये ; पृष्ठ-१८२; क्राउनदिसम्बर, १९७७ ।
स्याद्वाद-चक्र (गुजराती): हिन्दी-लेखक-सुमेरचन्द्र दिवाकर, अनु. रमणलाल मगनलाल लाकडिया, बाबूलाल चुन्नीलाल गांधी ; संपा. कपिलभाई कोटडिया ; गुजरात शांतिवीर दि जैन सिद्धांत संरक्षिणी सभा, ३, बार बांगला, हिम्मतनगर (गुजरात); मूल्य-तीन रुपये ; पृष्ट-१५०; क्राउन- १९७८ । _____धरती के देवता (जैनमुनियों का चित्रण) : आयिका ज्ञानमती; अ. भा. दि जैन शास्त्रि परिषद्, बड़ौत (मेरट), उ. प्र.; मूल्य-स्वाध्याय ; पृष्ठ-३०; क्राउन ; अप्रैल, १९७८ ।
चरित्र-निर्माण : आयिका जिनमती; अ. भा. दिगम्बर जैन युवा परिषद्, बड़ौत २५०६११ (मेरट), उ. प्र. ; मूल्य-चारित्र-पालन; पृष्ठ-६०; डिमाई-१९७८ ।
(शेष पृष्ट १०९ पर)
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आ.वि.सा. अंक
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