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चित्र तीर्थंकर के लिए विशेष सिस्टर जनवियेव, फान्स
"वह जीवन्त था और उसकी यह जीवन्तता मनुष्यों की परम ज्योति थी।"
-योहन : १-४
आ.वि.सा. अंक
९८
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