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जान्युआरी - २०२०
भुइं सुध वेदिका करावइ, मंडप मोटा तीहां ठावइ, भुइं त्रणि सोहावि १९२ भवीका.... तोरण तीहां बांधा बहु मुल, पंच वरण तीहां सोहि फुल, ते दीसइ असु(मु)ल १९३ भवीका... चंदरुआ बांधा चउसाल, कथीपा मकबलना लाल, तेजइं झाकझमाल १९४ भवीका... गोख कोरणी रूडी राजइ, मंडपि सुभ सजाइ छाजइ, पंचसबद तीहां वाजइ १९५ भवीका... सुभ महुरति जवारा वावइ, धवल मंगल भला सोहवि गावइ, सज्जन सहु मनि भावइ १९६ भवीका... संघ चतुरविध मलीउ ताम, जमणवार करइ अभीराम, राखुं जगमांहि नाम १९७ भवीका... जलयात्रानुं करइ मंडाण, रूड़े रचीउं देववीमान, तीहां बिसि जिण-भाण १९८ भवीका... राजवाहण अभीराम वीराजइ, मदि भरीआ मइगल तीहां गाजइ, पंचसबद सुभ वाजइ १९९ भवीका... इंद्र इंद्राणी बे पख्य पुरां, सकल गुणे भरीआं जे पुरां, ते सणगारां पुरां २०० भवीका... कण(अण)य कलस सारा सज कीधा, श्रीफलसुं सोहवि सिरि दीधा, ते आगलथी कीधा २०१ भवीका... इंम सजाइ सकल सोहावइ, जल जात्रा करी घरि आवइ, हीअडइ हरख न मावइ २०२ भवीका... वेदिका-मंडप जीहां चंग, तीहां मलउ संघ मननइ रंगि, उलट अधिकउ अंगि २०३ भवीका... श्रीविजयसेनसुरी गछराज, आव्या करवा प्रतिष्ठा-काज महुरत वेला आज २०४ भवीका... जइ जइकार करइ रहा सुर, नाळू अंधकारनुं पुर, वाजइ मंगल तुर २०५ भवीका...