SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 93
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ अनुसन्धान-७९ धवल मंगल तीहां गोरी गाइ, ढोल ददामां संचई वाइ, मलउ संघ नवि माइ २०६ भवीका... सुभ वेला जाणी अभीराम, अंजन करी दीधुं सुभ नाम, पास चिंतामणि ताम २०७ भवीका... वाचकपद वेदिकामांहि एक, विजइराजनइ दीइ ववेक, खरचइ द्रव्य अनेक २०८ भवीका... कीका ठाहार मनोरथ सीधू, प्रतिष्ठा वारू परि कीध, जगमांहि जस लीध २०९ भवीका... संघ सवे पिहिरावणी कीजइ, श्रीफल सहीत खीरोदक दीजइ, लछी लाहउ लीजइ २१० भवीका... सोहवि आपि साडी सारी, वेढ वेलीआं दीइ व्रतधारी, हरखइ मनि अपारी २११ भवीका... सात खेत्रे ते द्रव्य वावइ, दीइ दांन जाचक जे आवइ, कणय कभाय पिहिरावइ २१२ भवीका... कीकइ ठाहारि इंम महउछव कीध, सजन संतोषी जगि जस लीध, मोठे कारय कीध २१३ भवीका... श्रीविजयसेनसुरी सुभ नाम, प्रतिष्ठानां कीधां काम, पहउता उपासरि ताम २१४ भवीका... दूहा पद-प्रतिष्ठा कारय करी, श्रीपूज्य रहा चउमास, श्रीविज[ य देवसुरीसरू, बिठा सोहि पास. मूरति दोए दीपती, जगमांहि जस अभीराम, विजयसेन विजइदेव,, जपुं निरंतर नाम. २१६ रसना अमृत-रस झरि, पीवइ भवीजन लोग, रोग सोग तेहना टलइ, पामइ वंछीत भोग. ॥ राग-अधरस चउपई ॥ श्रीगुरु चरणे जे मुनी मली, पद प्रतिष्ठा ते जोइ वली, आदेसे पहउता माहंत, सिहिज सभावि मुनीवर संत. २१८ ____२१५ २१७
SR No.520581
Book TitleAnusandhan 2020 02 SrNo 79
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShilchandrasuri
PublisherKalikal Sarvagya Shri Hemchandracharya Navam Janmashatabdi Smruti Sanskar Shikshannidhi Ahmedabad
Publication Year2020
Total Pages110
LanguageSanskrit, Prakrit
ClassificationMagazine, India_Anusandhan, & India
File Size7 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy