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अनुसन्धान-७७
श्रीपुण्यविजय-स्मृति-चन्दक
प्रदान समारोह
आगमप्रभाकर श्रुतशीलवारिधि मुनिराज श्रीपुण्यविजयजी महाराजनी स्मृतिमां, तेमनी दीक्षा-शताब्दीनी उजवणी प्रसंगे सं. २०६५मां, आ० श्रीविजयशीलचन्द्रसूरिजीनी प्रेरणाथी, 'श्रीपुण्यविजय स्मृति चन्द्रक' प्रदान करवाना कार्यनो प्रारम्भ करवामां आवेलो. आ निमित्ते एक स्थायी फण्ड करावीने ते 'गुजरात विश्वकोश ट्रस्ट' संस्थाने सोंपावेलुं, तेमज 'चन्द्रक प्रदान समिति'नुं गठन करेलुं, जेमां श्रीपंकजभाई शेठ तथा डो. कुमारपाल देसाईने नियुक्त करेला. आ चन्द्रकनो समारोह, दर बीजे वर्षे, विश्वकोश भवनना उपक्रमे योजवानुं तथा मनोनीत विद्वानने ते चन्द्रक अर्पण करवानुं पण निश्चित थयेलं. तदनुसार, प्राकृत, संस्कृत, अपभ्रंश, गुजराती इत्यादि विविध भाषाना प्राचीन या मध्यकालीन साहित्यना क्षेत्रमा संशोधन-अध्ययनादि द्वारा मूल्यवान प्रदान करनार कोई एक विद्वज्जनने ते चन्द्रक अपातो थयो. अत्यार सुधीमां पांच विद्वानोने आ चन्द्रक अर्पण थयो छे..
सं. २०७५ना चालु वर्षे आ चन्द्रक माटे, साबरकांठा (गुजरात)ना आदिवासी विस्तारनी प्रजाना साहित्य, भाषा, बोली इत्यादि उपर अद्वितीय काम करनार तथा ते विषयोना ५०थी अधिक शोध-स्वाध्याय ग्रन्थो आपनार विद्वज्जन डो. भगवानदास पटेलने पसंद करवामां आवतां, तेमने ते चन्द्रक-प्रदाननो एक सुन्दर समारोह, ता. १९-५-१९ने रविवारे सवारे १० कलाके, गुजरात विश्वकोश भवन - अमदावादमां, आ. श्रीविजयशीलचन्द्रसूरिजीनी निश्रामां, योजायो हतो. आ प्रसंगे चन्द्रकनी साथे, परम्परागत रीते, सरस्वती-प्रतिमा, शोल, प्रशस्तिपत्र तथा रु. ५१/-हजारनो चेक अर्पण करवामां आवेल.
आ प्रसंगे डो. हसु याज्ञिक सहित विविध क्षेत्रना विद्वानो, स्थपति श्री बालकृष्ण दोशी वगेरे सम्भावित सज्जनो, श्री प्र.क. लहेरी वगेरे राजनीति क्षेत्रना अग्रणीओ, श्रीसंवेग लालभाई वगेरे श्रेष्ठीवों सहित जिज्ञासु श्रोताजनोनी विशाल हाजरी रही हती.
उल्लेखपात्र छे के आ पूर्वे आ चन्द्रक श्रीरूपेन्द्र पगारिया, श्री चिमनलाल त्रिवेदी, श्री कान्तिलाल बी. शाह, श्री रमणीक म. शाह, श्री भारतीबेन शेलत - आटला विद्वज्जनोने अर्पण थयेलो छे.