________________
जून - २०१९
१०१
अणेख अदेखाई फल भंडां जे करस्यई ते लहस्यई आप अपयश अणकिधां शिर चडस्यइं भवि भवि पामिस्यई संताप... ३४ तिण पुर ओक वसि व्यवहारी नामि धनावो निधि भण्डार सकल कलागुण जाण विचक्षण दाता भुगता परम उदार... ३५ तसु घरि प्रत्यक्ष दो अनोपम रांणी इंद्राणी परतखि अवतार विजया नाम जया बीजीरो माहोमाहि द्वेष अपार.... विजया अति घण जिनधर्म विद्वेषण, जय(जया) धर्म तणो प्रतिपाल सूधो समकित मन आराधइ जिन प्रतिमा पूजइ त्रिणकाल... ३७ जया करइ प्राणीरी जयणा अकमनी सूधइ आचारि जया असत्य न भाषइ माया कपट करइ परिहार... प्रतिमा जिनरी नित पूंज्या विण अगड वहइ अनपाणी लेणी फासू अन पडिलाभई मुनीवर सुकृत भंडार भराइ जेणि... ३९ जिम जिम करणी माडइ अधिकी तिमतिम सोकि करइ अनुराग राति दिवस तसु छिद्र निहालइ जोइ दोस चडावण लाग... ४० दुर्जन काला नाग सरीखो मत सयण करोई वेसास बार वरस जो खीर पाईजई तउही विखरो न थायउ नास... ओक दिवस ते धर्मणि नारी बाहिर करण गई घरकाम तिणि तसु देहरासररी प्रतिमा चोरीनइ सांती अन्यठाम... प्रतमा अर्चण आवी नारी जोइ पणि नवि लाधी ठाणि बार पहोर लगइ सांती राखी तां मुख अंनजल न लीडे आणि.. ४३ वली तसु मनि अनुकंपा आवी काढीने तसु प्रतिमा दीध भाव घणासउं पूजा कीधी मानव भवरउं लाहो लीध... ४४ ते भव तिहांथी पूरण कीधो बिचपणि भव कीधा केई राजसुता हुई अंजना श्री जिन मारग चित्त धरेइ... बार पुहोर जिनमूरति सांति तिणनई अनजल कीध वियोग ते तुझ करणी आडी आवी बार वरस लगि पडीउ वियोग... कर्म तणी गति विसमी दीसई कर्मइ नरक तणी गति होई कर्म न छूटा सुर नरराणां हलधर चक्रवर्ति नहीं कोइ...