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________________ जान्युआरी- २०१९ पहिलउ जोअण पांचसइ रे नवसई उच प्रमाण तिहां गढ लक सोहामणउ राणा रावणनो ठाण रे... २६ जैन शैव ग्रंथइ घणु रई (रे) रावणकू ध(छ?) विचार ते जोई मई भाखीउं जूठ साच तिहां गम्य पार रे... २७ ओक दिन रावण चीतवई रे बइठउ पुप्फ विमाण अणकीधई कोई अछइं मुझ सूधी आण प्रमाण रे... २८ तो हुँतउ ते वशि करुं रे नाखुं दूरि उथेडि धा(घा)उ नीसाण लावीउ चडीउं नवि कीधी जेडि रे... २९ दलबादल तंबू दिआ रे पुर बाहिर मेल्हाण मेलावानइ मोकल्या अह यदी राय जादारांण रे... ३० ओक दूत तेडी करी रे बोलई रावण राण प्रल्हादन राजा भणी वेगा बोलावी आण रे... ३१ तहत कहीनइ चालीयो रे लंकागढथी दूत पूर प्रह्लादन परिसरइ वेगो ते जाइ पहुत रे... ३२ राय प्रह्लादन तिणि समयइ रे बईठो जुडि दरबार दूत जाइ लेख मेलिने रे राजानई की जुहार रे... ३३ दूत देखी राय कहइ रे कुंण तुं कवण पठाइ हुं दूत रावण राणरउं तुह्म वेग करी बोलाइ रे... ३४ वयण सुणी राय हरखीउ रे दूतनइ डेरउ दीध ढाल प्रथम बीजा खंडरी कवियण जण पूरी कीध रे.... ३५ दहा हिव राजा उठ्क थइ दिवरावई रणभेरि सुभट कटक भेला थयां रहिया चिहुं दिसि घेरी... ३६ टोप जरह जूसण जूडी पाखरीया पवंग बत्रीसे आयुध सज्या जीपीजा इणे जंग... नालि हवाई हूंबकई गोफण गोला तीर सनथबध हुवा सवे वडवागीआ वजीर...
SR No.520578
Book TitleAnusandhan 2019 01 SrNo 76
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShilchandrasuri
PublisherKalikal Sarvagya Shri Hemchandracharya Navam Janmashatabdi Smruti Sanskar Shikshannidhi Ahmedabad
Publication Year2019
Total Pages156
LanguageSanskrit, Prakrit
ClassificationMagazine, India_Anusandhan, & India
File Size9 MB
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