SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 45
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ सप्टेम्बर - २०१८ तं० ॥ जे अशनपानादिक १ । जस्स - जेहनइ काजिइ २ । जहाजेतलइ प्रकारे आधाकर्म लागइ ३ । जारिस - जे-सरीखउं ४ । असणे य तस्स ये दोषा ५ । आधाकर्मनउ दान देतां जे दोष ६ । पुच्छा-ते आधाकर्म जिम पूछीइ ते मेल ७ । आधाकर्मिइं करी जिम छलीयइ ८ । ते आधाकर्मनी शुद्धि किम हुइ ते प्रकार ९ कहुं छउ ॥८॥ हिव ए नवइ द्वार जूजूयां वखाणइ छड् । तेहमाहि पहिलूं जे अशनपानादिक इस्युं द्वार कहइ छइ - असणाइचउब्भेयं आहाकम्ममिह बिंति आहारं । पढमं चिय जइजुग्गं कीरंतं निट्ठियं च तहिं ॥९॥ असना० ॥ अशन १ पान २ खादिम ३ स्वादिम ४ एहि चिहुं प्रकारि आधाकर्म आहार हुइ इम वीतराग बोलई । हिव आधाकर्म आहार किम नीपजइ ते वात करइ छइ । पहिलुं लगइ महात्मा निमित्त करिवा आरंभिउं, अनइ तेह जि निमित्ति नीठिउं-सिद्धिइं गयउ-आहार नीपनउं ॥९॥ तस्स कड तस्स नि8िअ चउभंगो तत्थ दुचरिमा कप्पा । फासुं(सु)कयं रद्धं वा निट्ठिअमियरं कडं सव्वं ॥१०॥ हिव तेहनइ काजिई आरंभिउं, अनइ तेहनइ काजिइं पूरउ नीपनउं, इहां च्यारि भांगा हुई । ति किम ? - तेहनइ काजिइं आरंभिउं अनइ तेहनइ काजि नीपनउं १ । तथा तेहन[इ] काजिइ आरंभिउं अनइ अनेराइंनइ काजिइं नीपनउ २। तथा अनेरानइं काजिई आरंभिउं अनइ तेहनइ काजिइ नीपनु ३। [तथा अनेरानई काजिइं आरंभिउं अनइ अनेरानइं काजिइं नीपनउं ४] । इम च्यारि भांगा ऊपजइ । तेहमाहि बीजउ अनइ चउथउ भांगउ महात्मानइ कल्पइ । बीजा न कल्पइ । महात्मा निमित्ते जे फासू कीधउं अथवा रांधिलं, पूरउं नीपनउं ते निट्ठिअ कहीइ । अनेरउ सहू वाविवउ लुणिवउं प्रमुख 'कृत' इसिइं नामिइं कहीइ ॥१०॥ हिव एह जि वात वली व्यक्तिई कहइ छइ - साहुनिमित्तं ववियाइ ता कडा जाव तंदुला दुछडा । तिछडा निट्ठिया पाणगाइ जहसंभवं निज्जा ॥११॥
SR No.520577
Book TitleAnusandhan 2018 11 SrNo 75 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShilchandrasuri
PublisherKalikal Sarvagya Shri Hemchandracharya Navam Janmashatabdi Smruti Sanskar Shikshannidhi Ahmedabad
Publication Year2018
Total Pages338
LanguageSanskrit, Prakrit
ClassificationMagazine, India_Anusandhan, & India
File Size22 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy