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________________ सप्टेम्बर - २०१८ २६३ फटिक रयणमइ ऊजला जाणे रवि प्रतिबिंब...सा जोतां तृपति न पांमीइं नयण करइ विलंब... केई विमाणे चित्र कीयां कुंजर हय मयमत्त...सा संबर सूकर रोझडां ईहामृग सुविचित्र... सा चकवाचकवी जोडलां सारस हंस चकोर... सा सुक पंखी नई सारिका छयी उडान मोर... सा विद्याधर विद्याधरी नारी नई भरतार... सा गाढ आलिंगण दे रह्यां बोलइ नही लगार... सा ते ऊपर धजा फरहरई नभस्यउं मंडई वाद... सा रण रण रणकई घूघरी मीठउ झीणउ साद... सा ७३ जाय इणिपरि राजा चालीउ मोटउ करि मंडाण... सा भेरि नफेरी थरहरइं बाजई ढोल निसाण... सा ७४ गयणंगणि उचा वहई लंघई दीप समुद्र ... सा जोतखी देखी खलभलई मतउफ्रेठ करई रुद्र(?)... सा ७५ राय गयो दीप आठमइ जिहां श्री जैन विहार... सा। मूलनायक जिन सासता ऋषभादिक प्रभु च्यार... सा ७६ नयणे निरख्या जगधणी वागा मंगल नूर... सा राग धन्यासी ईय करी मधुकर ढाल सनूर... सा ७७ दूहा ७८ विद्याधर आव्या तिहां ठामि ठामि जेह राय प्रह्लादन कटकस्युं आयो कटको ठेह सहू को मलीया देहरई जिहां श्री त्रिभुवन राय सतरभेद पूजा रचई भगति करई मन भाय तिहां पवनंजय कुमर पिणि तात समिप बइठ निरखे अंजनकेतु नृप लोचन अमी पईठ... अंजना पिणि आवी सिंहा भगवंत पूजणा हेत दीठी राय प्रह्लादनई चिंतण लागो चेत...
SR No.520577
Book TitleAnusandhan 2018 11 SrNo 75 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShilchandrasuri
PublisherKalikal Sarvagya Shri Hemchandracharya Navam Janmashatabdi Smruti Sanskar Shikshannidhi Ahmedabad
Publication Year2018
Total Pages338
LanguageSanskrit, Prakrit
ClassificationMagazine, India_Anusandhan, & India
File Size22 MB
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