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________________ २६४ अनुसन्धान-७५(२) ८७ ओ कुमरी जउं थाईस्यइं मुझ कुमररी बेलि तउ वणसींची अंगणइ मुझ फली नागरवेलि ८२ अरिहंत पूजीनई गया सहू डेरइ राजान अंजनराइ मेल्हियां सगपण करण प्रधान... कुमरीनइ ओ कुमरनी दीसइ सरिखि जोडि करो सगाइ आपणइ अह अम्हारइ कोड... राय प्रह्लादन हरखीउं सांभळि वाणी तास जाणि उखरलउ सोवतां लही तलाइं खास... राय भणइ मंत्री प्रति ओक ही जुगति वात मनगमता पासा ढल्या सखर मिल्या संघात... प्रीति अम्हारइ मनि कही वली तुम्हारउ रंग। तउ दूधइ साकर मिली पीतां मनि उच्छरंग... वात प्रमाण करी अह्मे जाय जणावउ राय लगन जोवाडउ ढूकडउ ढील न करणी जाय... ८८ मंत्रि डेरइ आविनइ सघलो कह्यो वृत्तांत तव सहु नर ते दिने भोजन द्यई अकांत... गणक बोलावी पूछीउ सरखइ लगनइं जीक तेणे कह्यो दिन तीसरइ आज थकी सुश्रीक... थाप करी सूधा तिहाँ गाजंतां नीसाण आव्या मंदिर आपणइ ते बइठा राजान... राय पल्हादन हिव करइ व्याह तणो मंडाण सजन संतोषी घणुं युगति चलावई जान... ढाळ - ४ : राग - सोहलानी सखी मोरी जान चढइ आडंबरई चालउ जोवण जाइं सहीयां सखी मोरी राजभुवन सिणगारीआ गोरी मंगल गाइं हे सहीया... ९३
SR No.520577
Book TitleAnusandhan 2018 11 SrNo 75 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShilchandrasuri
PublisherKalikal Sarvagya Shri Hemchandracharya Navam Janmashatabdi Smruti Sanskar Shikshannidhi Ahmedabad
Publication Year2018
Total Pages338
LanguageSanskrit, Prakrit
ClassificationMagazine, India_Anusandhan, & India
File Size22 MB
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