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सप्टेम्बर - २०१८
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पचनविधि क्रिया विण पाक न धाननो बोल्या विना उठंइ(उंठइ) नही स्वर कोइ गामनो
अन्न कवल उद्यम विण नवि आवइ मुखइं विण पुण्ये किम संपत्ति भोगवीइ सुखइं ५ लेपन पूजन दीपन धूपन देवने ते तेहनां कारण कर्या विण नवि बनइ घोला कर्या विण प्रभुनें अंगइ किम चढइ सुकडि ओरसीआ स्युं तो तुं कां वढइ ६ भावपूजा- कारण छइ द्रव्यपूजना उत्थपयतो उत्थपाइ तुं पणि एकमनो जे स्याद्वाद एकांतवादीने भाजतो सातइ नय समुदाय सुधांजन आज तो पहिलो नैगम नय भगवंतें भाखीउ सामान्य में विशेष अर्थ तिणि आखीउ सामान्ये करी सकल घटनें घट कहइ विशेषे आपपणो (आपणो) घट ओलखी ग्रहइ ८ बीजो संग्रह नय सामान्य गजावतो वनस्पतिनी जाति लिंबादि समावतो त्रीजो नय व्यवहार विशेष संभालतो लिंबादिकमां वनस्पतिने घालतो । चउथो नय ऋजुसूत्र संप्रति जे वर्त्ततो तेहज मांनइ अर्थ बीजाथी निवृत्त तो भाव निक्षेप मांनइ बीजा त्रिण अवगणइं लिंग वचनना भेद ते कोइ नवि भणइ पांचमो शब्द नय अनेक पर्यायथी घट कुंभ कलश एक ज वस्तुं ऊठइ तेह थकी छठो समभिरूढ पर्यायिं भिन्न कहइ घट कुंभ कलस जूदा पट परें ते बुद्ध लहइ ११