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अनुसन्धान-७५(२)
तेओनी वंशावलीमां मूलपुरुष तरीके तेजसी शेठनो उल्लेख छे. तेमज तेओनी वहीवंचानी नोंधमां लखेल छे के -
___ "श्रीमाली ज्ञातिना नगरसेठ तेजसीए बाप, नाम जेतसी । सहस्रकूट भरावी तेनी प्रतिष्ठा पूनमगच्छना भावप्रभसूरि पासे करावेली ते सेठ पूनमना अनुयायी श्रावक हता अने तेमनी अटक दोशी हती"
आ जोतां नक्की थाय छे के । शक्य छे ए ज घरमन्दिरनो उल्लेख आ रासमां होय या ए ज घरमंदिर सहस्रकूटनी प्रतिष्ठा आ रासनी रचनानुं निमित्त बनी होय. 'जैन गूर्जर कविओ'मां नोंध मळे छे के जयतसीना पुत्र तेजसी श्रेष्ठीए घणुं द्रव्य खरची भावप्रभसूरिने आचार्य पद अपाव्युं छे जेनो उल्लेख महो. यशोविजयजी कृत 'प्रतिमाशतक पर संस्कृत टीका सं. १७९३मां रचाई तेमां अन्ते "जयतसीना पुत्र तेजसी श्रेष्ठीए घj द्रव्य खरची सूरिपद जेने अपाव्युं छे तेवा भावप्रभसूरिए आ वृत्ति पूर्ण करी" एम मळे छे. अने श्रीमहिमाप्रभसूरि निर्वाण कल्याणक रासमां पण छेल्ली ढाळमां दोसी तेजसी शेठनो विशेष उल्लेख छे. अस्तु.
सुकडि ओरसिया संवाद रास
सकल सिद्धि प्रसिद्ध जस, जगगुरु परम प्रकाश श्री नाभेयजिन प्रणमीइ, अंतर चित्त उल्लास ॥१॥ सिद्धसेनादिक कविवरा, परतक्ष सरसति तेज, वाणी कामगवी समा, चित्त धरीइ धरी हेज ॥२॥ श्रीमहिमा गुरुरायनो, पांमी चरण प्रसाद सुकडि-ओरसीया तणो, कहिस्युं सरस संवाद ॥३॥
श्री ऋषभजिणंदनो, सुत श्रीभरत प्रसिद्ध षट खंड भरततणो धणी, चऊद रयण नवनिधि ॥४॥ चओसट्ठि सहस्स अंतेउरी, ऋद्धितणुं नही मान नगरी अयोध्याइं करइ, चक्कवइ राज्य प्रधान ॥५॥