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________________ १२० ३३०. पुलिंद = भील ३३१. चोयह = उपदेश ३२२. तूसइ = खुश थवुं ३२३. दयनामिणी = डाळ नमाववानी ३२४. जग्गइ = आवडती (?) ३२५. दग सूयउ = नाम ३२६. चग्मारि = देशनुं (नाम) ३२७. विच्चालि = वच्चे ३२८. घरसार = घरनी चीजवस्तुओ ३२९. मुसइ = चोरे छे ३३०. दुदरंग = (देवनुं नाम) दुर्दरांग ३३१. कुठि = कोढी ३३२. मरि = मरो ३३३. जावड = ३३४. कवणु = कोण ३३५. कालसूरियह = कालसौरिक (नाम) ३३६. गरूयडि = मोटा (?) ३३७. कुपरि = खराब रीते (?) ३३८. किद्धङ्गं = कर्याथी ३३९. सुखइ = सुरपति ३४०. सज्ज = साज (शोभा) पवत्तणि - प्रवर्तिनी, मुख्य साध्वी नाणइ न आणइ अभिगमण- सामा जवुं - ठविउ स्थाप्यो मुंद्री - अंगूठी - मुद्रा कासग्ग - कायोत्सर्गे सिरि- शिरे - माथे - ऊपानं - उत्पन्न करवाने (?) सूंनार - सोनी अनुसन्धान-७५ (२ ३४१. सुदंसण = सुदर्शना (नाम) ३४२. किज्जंत किद्ध = करातुं करायेलुं ३४३. ढंक = ढंक नामना श्रावक * ३४४. मासाहस = पंखीनुं नाम ३४५. पइसेवि = प्रवेशी ३४६. लिंतउ = लेता ३४७. किवि = केटलाक ३४८. फुडवयणक्खरि * = स्फुट वचनवाळा शब्दोथी तळीयामां ३४९. तलइ = ३५०. दीवंतर = द्वीपांतरथी ३५१. अविरति = चारित्र वगरनो ३५२. देशविरति = संयमनो एक भेद ३५३. पासत्थ = पार्श्वस्थ - संयममां दोषवाळो ३५४. संजमी = संयमी ३५५. करसणी = खेडूत ३५६. सुगालि = सुकाळमां ३५७. कहाणय = कथानक ३५८. पहाणय = प्रधान ३५९. संभरणत्थ = संभारवा छप्पय ५ ५ ५ ६ दूसमि दुःषमां कालमां ७ ३६०. मत्थइ = माथे ३६१. सहल = सरळताथी चरिम केवलि - छेल्ला केवलज्ञानी ८ वाहरि - वहार-मददे आवतुं सैन्य ८ सइंवर - स्वयंवरा ९ इत्थ ओत्थ - अत्र तत्र, अहीं, त्यां १३ दुक्कम दहि- दुष्कर्मने बाळीने * सासिमत्त - शङ्काशील (?) महासति - महासती जंत - जतां छप्पय १३ १४ १४ १५ १५ १६ २० ३६ ४५
SR No.520577
Book TitleAnusandhan 2018 11 SrNo 75 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShilchandrasuri
PublisherKalikal Sarvagya Shri Hemchandracharya Navam Janmashatabdi Smruti Sanskar Shikshannidhi Ahmedabad
Publication Year2018
Total Pages338
LanguageSanskrit, Prakrit
ClassificationMagazine, India_Anusandhan, & India
File Size22 MB
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