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३३०. पुलिंद = भील ३३१. चोयह = उपदेश
३२२. तूसइ = खुश थवुं ३२३. दयनामिणी = डाळ नमाववानी ३२४. जग्गइ = आवडती (?)
३२५. दग सूयउ = नाम ३२६. चग्मारि = देशनुं (नाम) ३२७. विच्चालि = वच्चे
३२८. घरसार = घरनी चीजवस्तुओ ३२९. मुसइ = चोरे छे
३३०. दुदरंग = (देवनुं नाम) दुर्दरांग ३३१. कुठि = कोढी
३३२. मरि = मरो
३३३. जावड =
३३४. कवणु = कोण
३३५. कालसूरियह = कालसौरिक (नाम)
३३६. गरूयडि = मोटा (?)
३३७. कुपरि = खराब रीते (?)
३३८. किद्धङ्गं = कर्याथी
३३९. सुखइ = सुरपति ३४०. सज्ज = साज (शोभा)
पवत्तणि - प्रवर्तिनी, मुख्य साध्वी
नाणइ न आणइ
अभिगमण- सामा जवुं
-
ठविउ स्थाप्यो
मुंद्री - अंगूठी - मुद्रा कासग्ग - कायोत्सर्गे
सिरि- शिरे - माथे
-
ऊपानं - उत्पन्न करवाने (?) सूंनार - सोनी
अनुसन्धान-७५ (२
३४१. सुदंसण = सुदर्शना (नाम) ३४२. किज्जंत किद्ध = करातुं करायेलुं ३४३. ढंक = ढंक नामना श्रावक
*
३४४. मासाहस = पंखीनुं नाम ३४५. पइसेवि = प्रवेशी
३४६. लिंतउ = लेता
३४७. किवि = केटलाक
३४८. फुडवयणक्खरि
*
= स्फुट वचनवाळा शब्दोथी
तळीयामां
३४९. तलइ = ३५०. दीवंतर = द्वीपांतरथी
३५१. अविरति = चारित्र वगरनो
३५२. देशविरति = संयमनो एक भेद ३५३. पासत्थ = पार्श्वस्थ - संयममां दोषवाळो ३५४. संजमी = संयमी
३५५. करसणी = खेडूत ३५६. सुगालि = सुकाळमां ३५७. कहाणय = कथानक
३५८. पहाणय = प्रधान ३५९. संभरणत्थ = संभारवा
छप्पय
५
५
५
६ दूसमि दुःषमां कालमां
७
३६०. मत्थइ = माथे
३६१. सहल = सरळताथी
चरिम केवलि - छेल्ला केवलज्ञानी
८ वाहरि - वहार-मददे आवतुं सैन्य
८
सइंवर - स्वयंवरा
९
इत्थ ओत्थ - अत्र तत्र, अहीं, त्यां
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दुक्कम दहि- दुष्कर्मने बाळीने
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सासिमत्त - शङ्काशील (?)
महासति - महासती
जंत - जतां
छप्पय
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२०
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