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________________ सप्टेम्बर - २०१८ ११९ २६५. लग्ग = लाग्या (चाल्या) २६६. घाय = मार २६७. गयकलभे = मदनीयु २६८. सूयर = भंड २६९. सुमिणइ = स्वप्नमां २७०. अणिठउ = अनिच्छनीय (?) २७१. सूगविण = विशेषे तपास्या वगर २७२. आभविय = अभव्य २७३. करह = ऊट २७४. वक्खर = घरवखरी २७५. सयंवरि = स्वयंवरमां २७६. आवते = आवता २७७. भइणी = बेन २७८. वयसज्जा = व्रतने माटे तैयार २७९. अन्नियसत = अणिका पत्र (नाम) २८०. आणंती = लावती २८१. सु = ते २८२. अच्छेरय = अच्छेरुं २८३. कुलगर = कुलकर २८४. झाणि = ध्यानमा २८५. लद्धिपत्र = लब्धिने पामेला २८६. बुल्ल = बोल २८७. विवसाय = व्यवसाय २८८. दुमुह = दुर्मुख (नाम) २८९. सुक्कमाय = २९०. अपमाय = अप्रमाद २९१. ससग = ससक (नाम) २९२. भसग = भसक (नाम) २९३. सुकुमालिय = सुकुमालिका (नाम) २९४. गयगमणी = गजगामिणी २९५. समणी = श्रमणी, साध्वी २९६. मूईय = मरेली २९७. परिठवी = त्यजी २९८. सुजि = ते ज २९९. भवी = थई ३००. विदित्तउ = विदित ३०१. महुरा = मथुरा (नाम) ३०२. मंगुसूरि = मंगू नामना आचार्य ३०३. खालि = आठमां ३०४. सुविहिय = सुविहित ३०५. कज्जि = कार्य माटे ३०६. दिखालइ = देखाळे छे ३०७. जिप्पह = जीतो ३०८. अणजित्तउ = नहि जीतायेल ३०९. सुय = शुक, पोपट ३१०. सूयडा = सूडा ३११. पक्कोदर = पोपट (?) ३१२. पयासइ = कहे छे ३१३. सुकसूरि = शुक नामना आचार्य ३१४. अणुक्कमि = अनुक्रमे ३१५. सेलगसूरि = शेलग नामना आचार्य ३१६. पमाय = प्रमाद ३१७. पंथग = पंथक (नाम) ३१८. वासर = प्रसंग ३१९. मिय = मित ३२०. सधर = ३२१. चरण = चारित्र ३२२. चरवि = पाळी ३२३. तिजइ = त्यजे छे ३२४. कंडरिय = कंडरिक (नाम) ३२५. पुंडरीक = पुंडरिक (नाम) ३२६. सव्वद्ध(त्थ)सिद्धि = सर्वार्थसिद्ध = देवलोक (नाम) ३२७. दुह = दुख ३२८. दिखवउ = देखाड ३२९. पईव = प्रदीप
SR No.520577
Book TitleAnusandhan 2018 11 SrNo 75 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShilchandrasuri
PublisherKalikal Sarvagya Shri Hemchandracharya Navam Janmashatabdi Smruti Sanskar Shikshannidhi Ahmedabad
Publication Year2018
Total Pages338
LanguageSanskrit, Prakrit
ClassificationMagazine, India_Anusandhan, & India
File Size22 MB
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