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सप्टेम्बर
२०१८
वीर-वयणि जाणेवि नरय सेणिय चिंतइ मनि, कोणिय रज्ज ठवेसु लेसु संजम २२० जाई वनि, हल्ल - विहल्लहं हार गुरुय गयवरसिउं दिद्धउ, कूड करी कोणिक्कि राय सेणिय तव बद्धउ, नियताय कट्टपंजरि धरी खाण पाण बेराहवइ, सय पंच घाय२२१ दिणि दिणि दियइ पुत्तनेह एरिस २२२ हवइ . ५२ लुद्धा सकज्जतुरिआ सुहिणो वि विसंवयंति कयकज्जा । जह चंदगुत्तगुरुणा, पव्वयओ घाइओ राया ॥ १५०॥ चणियपुत्त२२३ चाणिक्क२२४ कवड२२५ बहु बुद्धि वियाणइ, चंद्रगुत्त साहिज्ज २२६ कज्जि पव्वय२२७ निव आणइ तस सरिसी अति प्रीति करीय अरि-कंटय २२८ टालिय नंद - नरिंदह - रज्ज नयरि पाडलि२२९ उद्दालिय २३०, विस - कन्न जाणि परिणाविउ सोवि मित्त जमपुरि लयउ २३१, नियकज्ज करवि विहडिउ ३२ पछइ मित्त - नेह एरिस भयउ ५३ नियया यि निअयकज्जे, विसंवयंतम्मि हुति खरफरुसा । राम सुभूमकओ बंभक्खत्तस्स आसि खओ ॥ १५१ ॥ फरसुराम जमदग्गि२३३ - पुत्त रेणुय २३४ - अंगुब्भम२३५, २३६कत्तविरिय नरनाह हणइ मासीसुय२३७ दुद्धम, अप्पणपइं तस रज्ज लेवि हत्थैिणपुरि रहियउ, खत्तिय - वंस असेस फरसुझालिहिं ३९ तिणि दहियउ, निव-घरणि नट्ठ२४० पच्छन्न ठिय तस सुभूम सुय चक्कवइ, निद्द २४९लय वंस बंभणतणउ नियय२४ २ नेह एरिस हवइ . ५४ कुलघरनिअयसुहेसु अ सयणे अ जणे अ निच्च मुणिवसहा । विहरति अणिस्साए, जह अज्जमहागिरी भयवं ॥ १५२ ॥ अज्ज महागिरिसूरि भूरि- भव- पाव निवारण,
गिइ २४३ जिण - कप्पि करंति तस्स तुलणा अइदारुण,
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कुल घर निय सह सुयण-संग निस्सा २४४ सवि छंडिय,
अप्पडिबद्ध विहार सार-संजम - गुण-मंडिय,
सावय घरि अज्ज सुहत्थि गुरि (रु) गुण - पसं[ स ] हरषिहिं करिय,
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