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________________ १०४ अनुसन्धान-७५(२) इह कस्स०१ कोइ नहु वल्लहउ२०२ भवसरूपनउ पिक्खणउं०३, २०"मुहिया जि मूढ मोहिया भणइं हणई कज्ज परतहतणउं. ४८ सव्वंगोवंगविगणत्ताओ, जगडणविहेडणाओ य। कासी अ रज्जतिसिओ, पुत्ताण पिया कणयकेऊ ॥१४६॥ तेयलि२०५पुरि निव कणयकेतु पउमावइ राणी, मंत्री तेयलिपुत्त-भज्ज तस पुट्टिल२०६ नाणी, जायमत्त०७ सवि पुत्त राय निय लोभि मरावइ, राणी मंत्रि कहेवि एक सुय छन्न२०८ रहावइ२०, नरनाह-पत्त-पंचत्त१० सु जि कुंयर राय महतइं२११ कियउ, २१२महतउ पुण पुट्टिल सुर-वयणि पडिबुद्धउ केवलि थियउ. ४९ विसयसुहरागवसओ, घोरो भाया वि भायरं हणइ । ओहाविओ वहत्थं, जह बाहुबलिस्स भरहवई ॥१४७॥ रज्जलोभ मनि धरवि भरह पहुत्तउ समरंगणि, बाहुबलिहि तर्हि दिट्ठि मुट्ठि झुज्झिहि जित्तउ१३ खणि, रोसि चडिउ रणि चक्क भरह भाई सिरि मिल्हइ, धिग विसयारसि लुद्ध मुद्ध१५ सासय-सुह ठिल्लई२१६, इम चित्ति चिंति संजम सबल बाहुबलि कासगि रहिउ, भरहेसर पत्त अवज्झपुरि भाय-नेह कित्तिम कहिउ. ५० भज्जा वि इंदिअविगारदोसनडिआ करेइ पइपावं । जइ सो पएसिराया, सूरिअकंताइ तह वहिओ ॥१४८॥ भज्जा विसय-विकारि भारि पइ२१७-मारणि चल्लइ, सूरियकंत२१८ कलत्त भत्त१९-भीतरि विस घल्लइ, राय पएसि सुधम्म रम्म पोसह-वय पारिय, करइ पारणउं जाव ताव तक्खणि विसि घारिय, सुह-झाणि ठाणि निअ आणि मण सग्ग-लोइ संपन्न सुर, दुक्कम्मचारि सा नारि पुण भमइ भूरि भव भीड-भर. ५१ सासयसोक्खतरस्सी, निअअंगसमुब्भवेण पिअपुत्तो। जइ सो सेणिराया, कोणिअरण्णा खयं नीओ ॥१४९॥
SR No.520577
Book TitleAnusandhan 2018 11 SrNo 75 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShilchandrasuri
PublisherKalikal Sarvagya Shri Hemchandracharya Navam Janmashatabdi Smruti Sanskar Shikshannidhi Ahmedabad
Publication Year2018
Total Pages338
LanguageSanskrit, Prakrit
ClassificationMagazine, India_Anusandhan, & India
File Size22 MB
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