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________________ सप्टेम्बर - २०१८ 'अनुसन्धान' : समृद्धि अने समन्वय - छेलभाई व्यास ६०ना दायकामां बी.ओ.ना अभ्यास निमित्ते डॉ. भोगीलाल सांडेसरा सम्पादित 'प्राचीन फागु सङ्ग्रह'मांनां चार विशिष्ट फागुकाव्योनो निकट परिचय थयो त्यारथी जैन कवीश्वरोनी कवित्वशक्ति अने शब्दवैभव रसरुचितन्त्र पर बहु ऊंडी असर करी गया. कदाच त्यारथी ज विपुल जैन साहित्य ग्रन्थ भण्डार निहाळ्यो अने थोडा समय पछी जेसलमेर ग्रन्थ भण्डारनां पण दर्शन थयां अने जैन साहित्यना वैभवशाळी वैपुल्यनो पूरो अहसास थयो. अभ्यासविषयक फागुकाव्योना अधिष्ठाता आचार्य स्थूलिभद्र, नेमिप्रभु के जम्बूस्वामीना अकल्प्य वीतरागभाव अने त्यागना अद्भुत प्रसङ्गो जीवनमां हमेशां सामे सामे रह्या. अमांथी शीखेलो पाठ कायम माटे मार्गदर्शक बन्यो. पछी तो वर्षोना वहाणां वाई गया. अध्यापननिमित्ते हेमचन्द्रयुगीन साहित्य अने मध्यकालीन साहित्य पासे जवानुं बन्युं - पण ओक धन्य प्रसङ्गे मित्रोनी प्रेरणाथी सूरत मुकामे 'आनन्दघन' परिसंवादमां जवानुं सद्भाग्य सांपड्यु... ओक नवो ज अनुभव थयो. एक नवी दिशा खूली जाणे.... आ समारम्भमांथी परम श्रद्धेय पू. विजयशीलचन्द्रजी महाराजनी कृपादृष्टि सांपडी जे जीवननी अक अनोखी मूडी बनी रही. __ अक बीजा प्रसङ्गे गोधरा उपाश्रयमां मध्यकालीन पद्यस्वरूपो परना सेमिनारमा पुनः पू. महाराजश्री, सान्निध्य अने स्नेह सांपड्यां. जैन मुनिवरोनी अक विशेषता रही छे के तेओ तपश्चर्या साथे शब्दचर्या करता जाय छे, उपर्युक्त परिसंवादो अने अजस्र चालता अध्ययन द्वारा शब्द सेवातो हतो. _ 'अनुसन्धान' आवी सद्प्रवृत्तिमांथी जन्म्युं छे. अने अणे पोतानी शोधयात्रा सुपेरे आगळ धपावी छे. साहित्यनी दरेक प्रवृत्तिमा सामेल भाषाना उत्तम विद्वानो माटे 'अनुसन्धान'नी सम्यक् दृष्टि हमेशां रही छे. विशाळ दृष्टिथी अने पूर्ण औदार्यथी
SR No.520576
Book TitleAnusandhan 2018 11 SrNo 75 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShilchandrasuri
PublisherKalikal Sarvagya Shri Hemchandracharya Navam Janmashatabdi Smruti Sanskar Shikshannidhi Ahmedabad
Publication Year2018
Total Pages220
LanguageSanskrit, Prakrit
ClassificationMagazine, India_Anusandhan, & India
File Size19 MB
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