SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 59
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ सप्टेम्बर २०१८ 'अनुसन्धान 'नो समृद्ध ज्ञानवारसो ४७ • डॉ. मालती किशोरकुमार शाह - दर वर्षे विक्रम संवतनुं नवं वर्ष शरु थाय त्यारे 'लाभ पांचम' तरीके ओळखाती कारतक सुद पांचमने जैन परम्परामां 'ज्ञान पांचम' तरीके उजवीने ज्ञानभण्डारोमां रहेल श्रुतज्ञान जेमां सचवायुं छे ते हस्तलिखित प्रतो, अलभ्य पुस्तकोने सुन्दर रीते गोठवीने प्रदर्शित कराय छे. आ उजवणीना परिणामे जैनोमां बाळपणथी ज्ञान प्रत्ये ओक विशिष्ट आदरनी दृष्टि अने संस्कार विकास पामे छे. भारतीय संस्कृतिमां जैन धर्म अने परम्परानी जो कोई विशिष्ट देन होय तो ते तेना समृद्ध ज्ञानभण्डारो छे, जे भारतभरमां पथरायेला छे. सदीओथी मां जैन, जैनेतर घणुं साहित्य सचवायेलुं छे. सौथी प्राचीन ताडपत्रीय प्रतो, कागळ उपर लखायेल प्रतो ओ ज्ञानभण्डारोनो अमूल्य वारसो छे. समयनुं चक्र फरवा साथे धरतीकम्प, अतिवृष्टि जेवां कुदरती परिबळो अने प्रदेश उपर थयेलां आक्रमणो जेवां मानवीय परिबळोना कारणे आमांथी समये समये घणुं नष्ट पण थयुं छे, परन्तु जे कांई बच्युं छे ते पण अणमोल खजाना जेवुं छे. हस्तलिखित साहित्य उपर काम करीने जैन, जैनेतर, देशना, विदेशना विद्वानोओ छेल्ली बे सदी दरम्यान अथाग परिश्रम करीने नोंधपात्र कही शकाय तेवुं अने विद्वानोमां पोंखायुं होय तेवुं घणुं साहित्य प्रकाशित कर्तुं छे. 'अनुसन्धान' सामयिकनो जन्म ज्ञानभण्डारोमां सचवायेला प्राकृतभाषा, संस्कृतभाषा, अपभ्रंश, जूनी गुजराती भाषाना मुख्यत्वे जैन साहित्यने लगती कृतिओना सम्पादन, संशोधन, माहितीप्रद लेखो प्रकाशित थई शके ते माटे थयो. आ ध्येयने वरेलुं आ सामयिक २५ वर्ष पूरा करे ओ सानन्दाश्चर्य देनारी घटना ज छे. अत्यार सुधी प्रगट थयेला तेना ७४ अङ्कोमां देश-विदेशना अनेक सुप्रसिद्ध विद्वानोना ज्ञानभण्डारोनी आवी कृतिओना सम्पादनने लगता, संशोधनने लगता अनेक विद्वद्भोग्य लेखो तो रजू थयेला ज छे; साथे साथे आ क्षेत्रमां पा- पा पगली मांडता नवोदितोथी मांडीने आ क्षेत्रमां रस - रुचि वधता नवा नवा लेखो तैयार करनार सौने पोतानुं आवुं साहित्यनुं कार्य प्रकाशित करवानी तक मळे छे. पू. साधु भगवन्तो, पू. साध्वीजी महाराजो अने विद्वान लेखक तथा लेखिकाओ
SR No.520576
Book TitleAnusandhan 2018 11 SrNo 75 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShilchandrasuri
PublisherKalikal Sarvagya Shri Hemchandracharya Navam Janmashatabdi Smruti Sanskar Shikshannidhi Ahmedabad
Publication Year2018
Total Pages220
LanguageSanskrit, Prakrit
ClassificationMagazine, India_Anusandhan, & India
File Size19 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy