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अनुसन्धान- ७५ ( १ )
कबूलात छे, बचाव नहीं.' पण आ तो ओमनी नम्रता ज गणाय समयान्तरे प्रकाशित थती पत्रिकाना अङ्कोने प्रगट करवामां समयविलम्बनो अतिरेक न पालवे. आ दोढसो जेटलां अद्यावधि अप्रगट विज्ञप्तिपत्रोनुं प्रकाशन साचे ज जैन साहित्यना इतिहासमां अमूल्य प्रदान गणाशे.
नोंध : (१) लेखमां कौंसमां आपेला क्रमाङ्कोमां प्रथम क्रमाङ्क विशेषाङ्कनो अने पछीनो क्रमाङ्क कृतिनो छे.
(२) लेख तैयार करवामां आचार्यश्री विजयशीलचन्द्रसूरिजीओ विशेषाङ्कोना आरम्भे आपेला विज्ञप्तिपत्रोना परिचयोनो तेमज मुनिराज श्री त्रैलोक्यमण्डनविजयजीओ ६८मा अंकमा आपेल सूचिनो आधार लीधो छे.
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