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________________ सप्टेम्बर - २०१८ ३३ 'हठीसिंघह कीधं, भुवनसिद्धं, निरखत लिधं, प्रभुदारं, ध्वजसहित मंडाणं, उच्चै पमाणं, मेरु हराणं, जगसारं' जेवी रचनाओ थई छे. 'अनिललोलपलाशलतावृतैः, सघननिम्बकदम्बकदम्बकैः' ललितकोमलपदावलिनो ओक सुन्दर नमूनो छे. गुरुगुणवर्णनमा सामान्यतया गुरुना ३६ गुणो वर्णवाय छे. जो के केटलाक पत्रोमां जुदीजुदी रीति) त्रण वखत ३६ गुणोना वर्णन द्वारा कुल १०८ गुणोनुं वर्णन पण थयुं होय छे. अेक वार मे वर्णन दुहा-चोपाई जेवा छन्दमां होय तो पछी देशीबद्ध ढाळमां पण होय. घणा पत्रोमां आवं गुणवर्णन अकसरखं पण जोवा मळे. पण आने ओक वास्तविकता तरीके स्वीकारी लेवी रही. शिष्य गुरुगुणनो प्रचलित बनेलो तैयार अंश उपयोगमां ले ओ स्थिति साहजिक गणाय. अन्य साहित्यमां पण सुभाषित जेवा केटलाय दुहाओ अकसरखा प्रयोजायेला मळी आवे छे. परन्तु आपणने स्पर्शी जाय छे ओ तो शिष्यनो गुरु माटेनो हृदयभाव अनेक स्थानोमां जे काव्यात्मक अभिव्यक्ति पामे छे ते. केटलांक उदाहरणो जोईओ : उपा. विनयविजयजीओ श्रीविजयप्रभसूरिने लखेला पत्र (६०/९)मांना गद्यखण्डमां यनी साथे सातेय विभक्तिप्रत्ययो जोडीने गुरुवर्णन कर्यु छे. पं. श्रीदेवविजयजीओ लखेला पत्र (६१/२८)मां ११९ थी १३१ श्लोकोमा गुरुगुणवर्णन प्रत्येक श्लोकमां जुदा जुदा छन्दमां कयुं छे, अटलुं ज नहीं, ते ते छन्दनुं नाम पण साथे गूंथी लीधुं छे. शिष्य कर्मचंद्र गुरु अमरचंद्रने पत्र (६१/३१)मां गद्यमां ठपकाना सूरमां लखे छे के 'तमे माराथी दूर केम चाल्या गया ? (कथं तर्हि सत्वरमेवाऽतिदूरस्थले प्रस्थितवन्तो भवन्तो...). श्रीविजयचारित्र्य वाचकना (६१/ २१)मां गुरु माटेनो भक्तिभाव लयात्मक गानछटामां नीचेना श्लोकमां व्यक्त थयो छे - "क्षोभनं मोहनं दोहनं पावनं कर्मणां देहिनां मेधिनां धर्मिणाम् । लावनं रक्षणं वर्द्धनं पालनं स्तौमि नत्वा गुरुं भक्तियुक्त्याऽनिशम् ॥" श्रीवृद्धिविजयजीओ लखेला पत्र (६४/६)मां 'हेम्नोऽधिकं रत्नमतोऽस्ति सत्या' (हेमथी रत्न अधिक छे) ओ उक्तिना सन्दर्भे गुरु विजयरत्नसूरिने हेमचन्द्राचार्यथी पण अधिक कह्या छे. अहीं शिष्यनी गुरु माटेनी भावुकता जोवा
SR No.520576
Book TitleAnusandhan 2018 11 SrNo 75 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShilchandrasuri
PublisherKalikal Sarvagya Shri Hemchandracharya Navam Janmashatabdi Smruti Sanskar Shikshannidhi Ahmedabad
Publication Year2018
Total Pages220
LanguageSanskrit, Prakrit
ClassificationMagazine, India_Anusandhan, & India
File Size19 MB
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