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________________ २८ अनुसन्धान- ७५ (१ ) ' अनुसन्धान' ना विज्ञप्तिपत्र विशेषांको - डॉ. कान्तिभाई बी. शाह आद्य सम्पादक डॉ. हरिवल्लभ भायाणीना सम्पादन हेठळ आरम्भायेली अने वर्तमानमां पूज्य आचार्य श्री विजयशीलचन्द्रसूरिजीना सम्पादनमां कार्यरत, मुख्यत: जैन साहित्य विषयक संशोधन अने सम्पादननी आ 'अनुसन्धान' पत्रिका अना ७५ मा पडावे पहोंची छे. ज्ञानभण्डारोना दाबडाओ अने पोटलांओमां सचवायेली संस्कृत, प्राकृत अने मध्यकालीन गुजराती - मारुगुर्जर आदि प्रादेशिक भाषानी नानी मोटी अप्रगट कृतिओने प्रकाशमां आणवा माटे 'अनुसन्धान' नी पुस्तिकाओ अति महत्त्वनुं माध्यम बनी रही छे. अ पुस्तिकाओमां सम्पादकश्री अवारनवार शोध, संशोधन अने सर्जन वच्चेनो भेद समजावी, संशोधननी विभावना स्पष्ट करता रही, संशोधननी साची केडी चींधता रह्या छे. सम्पादित कृतिओनी सा साथे तज्ज्ञोना स्वाध्यायलेखोनो लाभ पण मळतो रह्यो छे. 'अनुसन्धान'नी आ गतिविधि परत्वे सहेज पाछळ नजर करतां ऊडीने आंखे वळगे ओ कोई काम थयुं होय तो ते छे - अक मोटा प्रकल्प स्वरूपे जैन विज्ञप्तिपत्रोनुं संशोधन- सम्पादन अने तेनुं चार विशेषाङ्कोमां थयेलुं प्रकाशन. अधधध बोलाई जवाय ओवी विपुल संख्यामां 'अनुसन्धान' ना ६०, ६१, ६४, ६५मा (अनुक्रमे खण्ड १-२-३-४) विज्ञप्तिपत्र विशेषाङ्कोमां आ रचनाओ प्रकाशित थई छे. आ चार विशेषाङ्कोमां १२० विज्ञप्तिपत्रो छे. उपरान्त अगाउना अङ्कोमां प्रकाशित ९ अने पछीना अङ्को (६७, ६९ ) मां प्रकाशित ४ मळी १३३नी संख्या थाय. साधे सूचिमां प्रसादीपत्र आदिना दर्शावायेला अलग विभागना १६ विज्ञप्तिपत्रो समावी लेतां अत्यारसुधीमां कुल १३३+१६ १४९ विज्ञप्तिपत्रो 'अनुसन्धान' मां प्रकाशित थया छे. आने ओक अणमोल खजानानी उपलब्धि ज मानवी पडे. = 'अनुसन्धान' ना आ प्रकल्प अगाउ अन्यत्र विज्ञप्तिपत्रोना सम्पादनप्रकाशन अंगे जे काम थयुं छे ओनी माहिती आ. श्री विजयशीलचन्द्रसूरिजीओ प्रास्ताविक लखाणमां आपी छे से कामोमां मुख्यत्वे श्री मुनिचन्द्रसूरिजीओ पोताना
SR No.520576
Book TitleAnusandhan 2018 11 SrNo 75 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShilchandrasuri
PublisherKalikal Sarvagya Shri Hemchandracharya Navam Janmashatabdi Smruti Sanskar Shikshannidhi Ahmedabad
Publication Year2018
Total Pages220
LanguageSanskrit, Prakrit
ClassificationMagazine, India_Anusandhan, & India
File Size19 MB
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