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________________ सप्टेम्बर - २०१८ २१ पुरुषार्थ, गुजराती भाषामां जैनविद्या क्षेत्रना विद्वद्भोग्य सामयिकनो प्राय: अभाव अने सामे छेडे घटता जता अभ्यासनिष्ठ संशोधकीय वलणने ध्याने लेतां 'अनुसन्धान' तेनुं अनुसन्धान चालु राखे ते ज समयनी अने विद्याजगतनी अनिवार्य आवश्यकता छे. जैनविद्यानां फ्रेन्च विदुषी प्रो. नलिनी बलबीर आ सामयिकने सेतु गणावे छे ते बहुविध रीते यथार्थ ज छे. आ सामयिकथी एक मोटो फायदो ए थई रहयो छे के जैन साधु-साध्वी महाराजसाहेबोने अध्ययनशील बनी रहेवामां प्रेरणारूप बनी रह्यं छे, जेनी प्रतीति घणां बधां महाराजसाहेबोनां अहीं प्रगट थयेलां अधीतो थकी थई रहे छे. २०मी सदीना जैन मुनिभगवन्तोनी गुरु-शिष्य-प्रशिष्यनी गौरवशील परम्परा अने तेमनां विद्याकीय प्रदानथी आपणे सौ परिचित छीए तेनुं विहंगम दर्शन करतां गर्व अनुभवीए छीए अने आ साथे कंईक अंशे निराशा पण अनुभवीए छीए के मुनिभगवन्तोनी पेढीनो हवे अस्त थई गयो ? तेवा समये आचार्यश्री विजयशीलचन्द्रसूरि महाराज अने अन्य आचार्यो, मुनिभगवन्तोनी निश्रामां आ परम्परा सतत धबकती रहे अने तेमां 'अनुसन्धान' ऋत्विजनी असरकारक भूमिका पूरी पाडे तेवी श्रद्धा सेवीए. आ साथे ज नोंधळू रह्यु के उपाध्याय मुनि भुवनचन्द्रजी महाराजे प्रत्येक अङ्क उपर अङ्क नम्बरनी साथे ज प्रकाशन मास अने वर्षनी नोंध तथा जे ते अङ्कना लेखकोनां सरनामां नोंधवा माटे सूचन कर्यु छे ते योग्य ज छे. आ उपरांत प्रत्येक लेख शरु थाय ते पृष्ठ उपर नीचेना भागमा लेखक, लेखनुं शीर्षक, सामयिकनुं नाम, अंक नंबर, वर्ष अने लेखना प्रारम्भनो अने अन्तनो पृष्ठाङ्क पण दर्शाववो जोईए. प्रपत्तिभावपूर्वकनी आ श्रुतभक्ति माट विद्याजगत आचार्यश्री विजयशीलचन्द्रसूरि महाराज, कलिकालसर्वज्ञ श्रीहेमचन्द्राचार्य नवम जन्मशताब्दी स्मृति संस्कार शिक्षणनिधि अने 'अनुसन्धान'ना नियमित वाचक अने सुज्ञ समीक्षक मुनिभगवन्त भुवनचन्द्रजी महाराज, सदाय ऋणी बनी रहेशे.
SR No.520576
Book TitleAnusandhan 2018 11 SrNo 75 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShilchandrasuri
PublisherKalikal Sarvagya Shri Hemchandracharya Navam Janmashatabdi Smruti Sanskar Shikshannidhi Ahmedabad
Publication Year2018
Total Pages220
LanguageSanskrit, Prakrit
ClassificationMagazine, India_Anusandhan, & India
File Size19 MB
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