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________________ सप्टेम्बर - २०१८ १३३ कथा नथी. अतिज्ञाननु कथाघटक ओक रीते रोमांचक छे अने कान्ते अने केन्द्रमां राख्यु ओ पण ओक मोटी वात गणाय. ___ आवा प्रक्षेपोनी चर्चा इतिहास, समाजविद्याना सन्दर्भ वधु व्यवस्थित रीते थवी जोईओ. वेदकाळना समाजथी मांडीने मध्यकालीन समाजमां थयेलां परिवर्तनोनां सन्दर्भ ज प्रक्षेपोनी चर्चा थई शके. वळी जे ते प्रक्षेपो समयना कया बिन्दुओ थया तेनी माहिती इतिहासकार वधु सारी रीते आपी शके. धर्मसत्ता, राजसत्ता अने जन-सत्ताना संवाद-विसंवाद पण प्रक्षेपो जेवी घटनाओने साकार करवामां महत्त्वनो भाग भजवे छे. आनो पूरेपूरो ख्याल मेळववा माटे आपणां पुराणोने ध्यानमा राखवां पडे. केटलीक वखत सूत्रात्मक पंक्तिओ पण मूळ वाचनामां न होय अने पाछळथी प्रवेशी जती होय छे. दा.त. दुर्योधनना मोढामां मूकेली जाणीती उक्ति 'जानामि धर्म न च मे प्रवृत्तिः, जानाम्यधर्मं न च मे निवृत्तिः.' (धर्म जाणतो होवा छतां तेनुं आचरण करी शकतो नथी अने अधर्म जाणतो होवा छतां ओमांथी निवृत्त थई शकतो नथी.) आ मात्र दुर्योधननी उक्ति बनी रहेवाने बदले मानवमात्रनी उक्ति नथी बनी रहेती? ओक ग्रीक नाटकमां पण आवा ज भावार्थवाळी उक्ति जोवा मळे छे. जाणीता कविविवेचक टी. एस. अलियट कहे छे ते प्रमाणे धर्मप्रवृत्ति के धर्मनिवृत्ति - आ बेमांथी ओक प्रवृत्ति थती होय त्यां सुधी ते मानवीनी प्रवृत्ति लेखाय; बीजा शब्दोमां मानव्यनी पहेली शरत सद् के असनु आचरण करवानी छे. हवे महाभारतनी समीक्षित वाचनामां क्यांय दुर्योधनना मोढामां आवी उक्ति मूकवामां आवी ज नथी. __महाभारतमां युधिष्ठिर सत्यवादी तरीके जाणीता हता, आम तो ते धर्मपुत्र हता. आ महायुद्धमां ओक तबक्के द्रोणना हाथे पाण्डवसेनानो संहार थाय अवी परिस्थिति उभी थई. श्रीकृष्णने आ संहार स्वीकार्य न हतो, ओटले तेओ भीमसेन पासे अश्वत्थामा नामनो हाथी मरावी नाखे छे अने भीमसेन द्रोण पासे जईने बूम मारे छे - अश्वत्थामा मरायो, अश्वत्थामा मरायो. द्रोणने पोतानो पुत्र अश्वत्थामा बहु वहालो हतो, तेना मृत्यु पछी युद्ध करवानो अर्थ शो? पण द्रोणने भीमसेन पर विश्वास नहीं, युधिष्ठिर कहे तो ज वात साची मनाय. कृष्ण युधिष्ठिरने समजावे छे, प्राण बचाववा असत्यनो आश्रय लेवो पडे तो ते असत्य न गणाय. छेवटे
SR No.520576
Book TitleAnusandhan 2018 11 SrNo 75 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShilchandrasuri
PublisherKalikal Sarvagya Shri Hemchandracharya Navam Janmashatabdi Smruti Sanskar Shikshannidhi Ahmedabad
Publication Year2018
Total Pages220
LanguageSanskrit, Prakrit
ClassificationMagazine, India_Anusandhan, & India
File Size19 MB
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