________________
१३४
अनुसन्धान-७५(१)
युधिष्ठिर बोले छे, 'हा, अश्वत्थामा मरायो.' पछी द्रोण न सांभळे तेम बोले छे, 'हाथी अश्वत्थामा मरायो.' आq बोल्या अटले धरतीथी चार आगळ अध्धर रहेतो तेमनो रथ नीचे बेसी गयो. भारतमां युधिष्ठिरनी ओक उक्ति जाणीती थई - नरो वा कुंजरो वा. समीक्षित वाचनामां आ उक्ति नथी. अलबत्त पाछळथी प्रवेशेली आ उक्ति वधु प्रभावशाळी लागे छे. श्रीकृष्णना मोढामां अक बीजी कथा अन्यत्र योजी छे. त्यां पण भावार्थ ओ छे के आपणा सत्यवचनने कारणे कोई निर्दोषनो जीव जतो होय तो ओ सत्य सत्य न कहेवाय.
आजे धारो के आ महाकाव्योनां पुनर्लेखन थाय तो अमां शुं शुं नवं उमेराशे? ओ बधुं ज प्रक्षिप्त अने अटले शुं ओ बधुं फगावी देवाचें?
C/o. २३३, राजलक्ष्मी सोसायटी,
जूना पादरा रोड,
वडोदरा-७