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________________ सप्टेम्बर २०१८ - १३१ हवे गीताप्रेसनी महाभारत वाचना शुं कहे छे ? दुःशासने ज्यारे द्रौपदीना केश पकडीने तेने खेंचवा लाग्यो त्यारे द्रौपदीओ कृष्ण भगवानने याद कर्या, द्रौपदी मनोमन बोले छे के आपत्ति आवे त्यारे भगवानने याद करवा जोइओ, अवं वसिष्ठ ऋषि पण कही गया छे. ओटले द्रौपदी वारे वारे गोविन्द - कृष्णने पोकारवालागी. 'हे गोविन्द - हे द्वारकावासी, गोपीजनप्रिय, आ कौरवो मारुं अपमान करी रह्या छे, शुं तमे नथी जाणता ? हे नाथ, हे रमानाथ, हे व्रजनाथ, हुं कौरवरूपी समुद्रमां डूबी रही छं, मारो उद्धार करो. हे सच्चिदानन्द, हे महायोगी, गोविन्द, कौरवोनी वच्चे हुं दुःखी थई रही छु, मारी रक्षा करो. ' आम द्रौपदी त्रिभुवनना ईश्वरने वारे वारे याद करीने मों ढांकीने रुदन करवा लागी. याज्ञसेनीनो आ करुण विलाप सांभळीने श्रीकृष्णे गळागळा थईने त्यांथी दोडवा मांड्यं. श्रीकृष्ण अव्यक्त रूपे तेना वस्त्रमां प्रवेशी सुन्दर सुन्दर वस्त्रोथी द्रौपदीने आच्छादित करी दीधी. द्रौपदीनुं वस्त्र खेंचातुं रह्युं अने नवां वस्त्र पुरातां रह्यां. अनेक वस्त्र, विविधरंगी वस्त्र प्रगटवा लाग्यां.' गीताप्रेसनी आवृत्ति पण नवसो नव्वाणुं वस्त्रनी वात करती नथी, आ आंकडो पण पाछळथी उमेरायो छे. लोकमहाभारतमां ओक बीजो प्रसंग नोंधायो छे. ओक वेळा पाण्डवो, द्रौपदी अने कृष्ण वातो करी रह्या हता. कृष्ण छरी वडे शेरडी छोली रह्या हता, अचानक कृष्णने छरी वागी अने लोही वहेवा लाग्यं. त्यारे द्रौपदीओ पोतानी साडी चीरीने पाटो बांधी आप्यो. पाछळथी कृष्णे अ पाटामांना सूतरना तार गण्या तो नवसो नव्वाणु तार नीकळ्या. कृष्णे मनोमन निर्धार कर्यो के आ नवसो नव्वाणु तारनुं ऋण मारे चूकववुं पडशे.' न्हानालाल कविअ आ विषयने लगती ओक कृति रची छे- 'भरतगोत्रनां लज्जाचीर'. आ आखाय प्रसंगमां सौथी वधु तिरस्कारपात्र कोई बन्युं होय तो ते कर्ण. हवे बुद्धिजीवी वाचकने प्रश्न थाय के द्रौपदीनी एक साडीमांथी आटलां बधां वस्त्र नीकळे केवी रीते? पण कोईने कोई रीते द्रौपदी ऊगरी तो जवी जोईओ, तेनी लज्जा ढांकवा कशोक उपाय तो करवो ज पडे, अ समय चमत्कारोनो
SR No.520576
Book TitleAnusandhan 2018 11 SrNo 75 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShilchandrasuri
PublisherKalikal Sarvagya Shri Hemchandracharya Navam Janmashatabdi Smruti Sanskar Shikshannidhi Ahmedabad
Publication Year2018
Total Pages220
LanguageSanskrit, Prakrit
ClassificationMagazine, India_Anusandhan, & India
File Size19 MB
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