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________________ सप्टेम्बर - २०१८ १२९ कडं हतुं के राम आवशे. रामना स्वागत माटे शबरीओ विविध फळ ओकठां कर्यां हतां. (समीक्षित वाचन, अरण्यकाण्ड, ७०) पाछळथी कोईओ उमेरी दीधुं के शबरीओ अकेओक बोर चाखी चाखीने भगवानने आप्यां. मूळमां तो विविध फळनी वात छे. अने भारतीय प्रजा भक्तिना पुरमां आ वात पण स्वीकारी बेठी. ___ महाभारत तो ओक मोठे कथावन छे. वेदव्यासना शिष्योथी मांडीने अर्वाचीन युगना कथाकारो, नाट्यकारोने ते आकर्षतुं ज रह्यं छे. स्वाभाविक रीते समयना जुदा जुदा तबक्के अमां नवां नवां उमेरणो थतां ज रह्यां. आवां एक-बे उमेरणोनी-प्रक्षेपोनी वात करीओ. पाण्डवो लाक्षागृहमांथी हेमखेम बहार आवीने आगळ प्रयाण करे छे. बक नामना राक्षसनो वध भीमसेन करे छे अने पछी ब्राह्मणवेशी ते पाण्डवोने केटलाक ब्राह्मणो मळे छे, ते बधा द्रौपदीस्वयम्वरमां भाग लेवा जई रह्या हता. अमना कहेवाथी पाण्डवो पण स्वयम्वरमां जाय छे. द्रुपदे उपर आकाशमां अक यन्त्र बनाव्युं अने तेमां सुवर्णलक्ष्य गोठव्युं. द्रौपदीनो भाई वधु व्यवस्थित रीते जाहेरात करे छे - यन्त्र उपर जे लक्ष्य छे (शानो आकार छे तेनी स्पष्टता करवामां आवी नथी, पाछळथी ओ लक्ष्यवेध ओटले मत्स्यवेध ओवी वात प्रचलित थई) तेने पांच बाण वडे वींधवानु. दुर्योधन, कर्ण समेत घणा राजाओ त्यां आव्या हता. राजाओनी ओक लांबीलचक यादी आपवामां आवी. क्षत्रिय राजाओ उपरान्त रुद्रगण, आदित्यगण, अश्विनीकुमारो, यमराज, कुबेर, देवगण, दैत्यगण, नारद, गन्धर्वो, कृष्ण-बलराम पण आव्या हता. कृष्णे पाण्डवोने ओळखी लीधा, बीजाओनी दृष्टि पण पाण्डवो पर न पडी. कोई पण राजा धनुष्यनी पणछ चडावी न शक्या. ब्राह्मणवेशी अर्जुन लक्ष्यवेध करवा ऊभा थया. त्यां ब्राह्मणो बोले छे - 'जे धनुष कर्ण, शल्य जेवा पण सज्ज न करी शक्या त्यां आ ब्राह्मण केवी रीते सफळ थशे?' बीजा शब्दोमां कर्ण पण लक्ष्यवेध करी शक्या न हता. अने अर्जुन लक्ष्यवेध करी शक्या. ब्राह्मण द्रौपदीने लई जाय ओ वात क्षत्रियो वेठे केवी रीते? बधा क्षत्रिय राजाओ द्रुपद अने अर्जुन सामे ऊभा रही गया. कर्ण अर्जुन सामे, शल्य भीम सामे. पण गीताप्रेस (गोरखपुर)नी महाभारत वाचना आ स्वयम्वर, जुदं चित्र आपे छे.
SR No.520576
Book TitleAnusandhan 2018 11 SrNo 75 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShilchandrasuri
PublisherKalikal Sarvagya Shri Hemchandracharya Navam Janmashatabdi Smruti Sanskar Shikshannidhi Ahmedabad
Publication Year2018
Total Pages220
LanguageSanskrit, Prakrit
ClassificationMagazine, India_Anusandhan, & India
File Size19 MB
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