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________________ १२८ अनुसन्धान-७५(१) सम्पूर्ण अदृश्य थई. पाछळथी राम ज्यारे ते आश्रममा प्रवेश्या त्यारे ते दृश्य बनी. ___ हवे प्रश्न अ थाय के शापने कारणे कोई स्त्री शिलामा रूपान्तरित थई जाय ओ कथाघटक आव्युं क्यांथी? विश्वामित्र ब्रह्मर्पिपद मेळववा आकरुं तप करे छे, इन्द्र तेमनो तपोभंग करवा अप्सरा रम्भाने मोकले छे, रम्भा डरती डरती विश्वामित्र पासे जाय छे, आरम्भे ऋषि मोह पामे छे, पछी समजी जाय छे अने रम्भाने शाप आपे छे – “हुं कामक्रोध पर विजय मेळववा मागुं छु अने तुं मने लोभावे छे. जा - तुं दस हजार वर्ष सुधी शिला थईने रहीश. कोई तपोबळवाळो ब्राह्मण तने आ शापमांथी छोडावशे.' (समीक्षित वाचना, बालकाण्ड, ६३) आ ओक जाणीतुं कथाघटक छे, मात्र भारतीय कथाओम ज नहीं पण अरेबियन नाइट्स सुध्धामां जोवा मळे छे. (जुओ - अरेबियन नाइट्स - अनुवाद इच्छाराम देसाई, भाग-१, पृ. ४७, १२४) रामायणना हजु ओक लोकप्रिय कथाघटकनी वात करीओ. सुग्रीव रामलक्ष्मणने मळे छे त्यारे तेओ बन्ने भाईओने आश्वासन आपे छे, तेओ तो अटली हदे कहे छे के रसातलमां सीता हशे तो पण हुं तेमने शोधी आपीश, ते वखते सुग्रीवने याद आवे छे. रावण ज्यारे सीतार्नु अपहरण करी जता हता त्यारे सीता राम, लक्ष्मणना नामनो पोकार पाडतां हतां अने तेमणे पोतानां उत्तरीय तथा आभरणो फेंक्यां हतां. रामने सुग्रीव ओ बधुं बतावे छे. त्यारे राम लक्ष्मणने कहे छे के लक्ष्मण, जो आ वस्त्र अने आभरण. (समीक्षित वाचना, किष्किन्धाकाण्ड, ६) हवे अहीं आगळ भारतमां बहु जाणीतो थयेलो श्लोक प्रक्षिप्त थयो छे - नाहं जानामि केयूरं... हुं तो मात्र तेमना झांझरने ज ओळखं. ___ आने कोई आदर्श के भावनाना प्रतिबिम्ब तरीके ओळखावे. पण ए अवास्तविक पण अटलो ज लागे. जो के समीक्षित वाचनामां स्पष्ट कर्तुं छे, 'लक्ष्मणे सीताने बे हाथ जोड्या, मैथिली सामे अकाधिक वार जोईने राम पासे जवा नीकळ्या.' ओवी ज रीते 'शबरीनां अंठा बोर' वाळो प्रक्षेप पण जाणीतो छे. वाल्मीकि रामायणमां तो मात्र ओटली ज वात आवे छे के ऋषिमुनिओओ शबरीने
SR No.520576
Book TitleAnusandhan 2018 11 SrNo 75 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShilchandrasuri
PublisherKalikal Sarvagya Shri Hemchandracharya Navam Janmashatabdi Smruti Sanskar Shikshannidhi Ahmedabad
Publication Year2018
Total Pages220
LanguageSanskrit, Prakrit
ClassificationMagazine, India_Anusandhan, & India
File Size19 MB
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