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________________ सप्टेम्बर - २०१८ १२७ आवा ज शापनी वात करशे. अन्य पुराण पण अहल्यानुं शिलामा रूपान्तर थवानी वात करशे. समीक्षित वाचनामां बे स्थळे अहल्याना शापनी वात आवे छे. __सौथी पहेलां उत्तरकाण्ड जोइओ. रावणपुत्र मेघनादे इन्द्रने पराजित कर्यो (त्यार पछी मेघनादनुं नाम इन्द्रजित पड्यु), पछी इन्द्र ब्रह्मा पासे उदास थईने जाय छे, त्यारे ब्रह्मा तेने ठपको आपे छे - पछी उमेरे छे, पहेलां में सरखा रूपवाळी, अकसरखी भाषावाळी, अकसरखा वर्णवाळी प्रजानुं सर्जन कर्यु हतुं, पछी मने विचार आव्यो एटले ओक विशिष्ट स्त्रीनिर्माण कर्यु; रूपगुणसम्पन्न स्त्री. तेनुं नाम अहल्या (हल अटले विरूपता, विरूपताहीन ते अहल्या) लोकमां जे विशिष्ट हतुं ते लईने आ नारीनुं निर्माण कर्यु. ओ कोनी पत्नी थशे तेनी मने चिन्ता थई, तने ओम के अहल्या मारी पत्नी थशे पण में गौतम ऋषिने आपी. तारा हाथे न आवी अटले कामवश थईने तुं आश्रममां गयो, अहल्या पर बळात्कार कर्यो. ऋषिओ तने शाप आप्यो - युद्धमां तारो पराजय थशे. पछी अहल्याने शाप आप्यो - मारा आश्रमथी दूर था, तारुं रूप बीजी स्त्रीओमां वहेंचाई जशे. तुं ज ओकली रूपवान नहीं रहे. आ प्रकारना शापनी वात मोटा भागना वाचको कदाच नहीं जाणता होय. तेओ तो अहल्या शिला थई ओ ज वात जाणे छे. हवे बालकाण्ड आ घटना विशे शुं कहे छे ते जोइओ. रामे कोई निर्जन आश्रम जोईने ए विशे विश्वामित्र ऋषिने पूछ्यु. देवताओ पण आ आश्रमने ओक जमानामां पूजता हता. अहीं गौतम ऋषिओ पत्नी अहल्या साथे वर्षो गाळ्यां हतां. अहल्याथी मोह पामेला इन्द्र गौतमनो वेश लईने अकवार अहल्या पासे आवी चढ्या. अहल्या इन्द्रने ओळखी तो गई, पण अहो - मने इन्द्र पण चाहे छे ओम अभिमान करी इन्द्रनो सहवास को अने पछी त्यांथी वेळासर जता रहेवा कह्यु. इन्द्र आश्रम बहार जवानुं करता हता अने त्यां गौतम आवी चढ्या, गौतमना शापथी इन्द्रना वृषण खरी पड्या अने पोतानी पत्नीने पण तेमणे शाप आप्यो - हजार हजार वर्ष सुधी तुं वायु भक्षण करती रहेजे, भस्ममां सूई रहेजे. कोई प्राणी तने जोई नहीं शके, अर्थात् तुं अदृश्य रहीश.' (समीक्षित वाचना, बालकाण्ड, ४५) अहीं स्पष्ट छे के अहल्यानो वांक हतो, अने गौतम ऋषिना शापथी ते
SR No.520576
Book TitleAnusandhan 2018 11 SrNo 75 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShilchandrasuri
PublisherKalikal Sarvagya Shri Hemchandracharya Navam Janmashatabdi Smruti Sanskar Shikshannidhi Ahmedabad
Publication Year2018
Total Pages220
LanguageSanskrit, Prakrit
ClassificationMagazine, India_Anusandhan, & India
File Size19 MB
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