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________________ ११२ अनुसन्धान-७५(१) आ अगम अगोचर रूपनी कोई निशानी कही शकाय नेम नथी, कारण ओ शब्दातीत छे. जो रूप कहेवा जइओ तो ते अरूप छे तेनुं शुं? छतां आ दिव्य अनुभूतिने सन्तोओ वाणीना माध्यमे प्रतीकात्मक के मरमी वाणीमां अभिव्यक्त करेल छे. सन्तवाणी-भजनमां आ प्रकारनी अनुभूतिनी अभिव्यक्तिने 'हेली' प्रकारनी भजन रचनाओ कहे छे. भजननुं आ रूप स्वाध्याय, प्रकाशनथी वंचित छे तेने 'अनुसन्धान' सामयिकना माध्यमे प्रगट करवा इच्छु छु. _ 'हेली' भजन प्रकारमा जे 'हेली' शब्द प्रयोजायो छे तेनो 'भगवत गोमण्डल'ना शब्दकोश प्रमाणेनो अर्थ थाय छे : 'हेली' - लहेर, 'हेली' - साहेली, 'हेली' - वगर अटक्ये पडतो वरसाद. अटले सन्त-भक्तने ज्यारे अनुभूतिमांथी आनन्दनी लहेर, आनन्दनी हेली उभराय ने जे भजन रचाई जाय ते 'हेली' छे. आ अखण्ड नूरनी वरसती हेली मेघनी हेली मंडाय तेवी छे. आ अनुभूतिना मेघनी हेली केवी छे ? तेनो जवाब सन्त भवानीदास आपे छे के - 'अंबर वरसे ने अगाध गाजे, दादुर करे रे किलोळ; कंठ विनानी ओक कोयल बोले, मधरा मधरा बोले मोर.' हवे आ अम्बर वरसे ने अगाध गाजे अटले सहस्रारमाथी थती अमृतनी वर्षा. आ वर्षा थतां सन्त-साधु साधकने अनाहत नाद संभळाय छे, जाणे के दादूर करे रे किलोल. बीजो संकेत मूके छे कंठ विनानी कोयल बोले ने मधरा बोले झीणा मोर. अहीं कोई बहारना सूर के शब्दनी वात ज नथी. कच्छना सन्त मेकरण कापडीओ पण गायुं छे के - 'वरसे धरती भींजे आसमान'. अहीं धरती वरसे छे ने आकाश भीजाय छे एटले मूलाधार (धरती)थी आरंभी कुण्डलिनी शक्ति सहस्रार (आसमान) सुधी पहोंचे तेनी आ अखण्ड नूरनी, आनन्दनी हेलीनी शब्दाभिव्यक्ति छे. हवे आ अनुभूति, आ आनन्दनी लहेर कहेवी कोने ? गमे तेने कहेवा जइओ तो मूरखमां खपीओ ने वळी जे समजी शके तेवा मायला-भायलाने अटले के केटलीक वातो तो जे नजीकनी बहेनपणी होय, साहेली होय तेने ज पियु मळ्यानी वात करी शकाय. ओटले अहीं सन्तो 'साहेली'ने उद्देशीने कहे छे तेमां 'सा' गळाई गयो ने रहे छे मात्र 'हेली' हे मारी हेली - साहेली ! शब्दकोशमां नोंधेलं छे : 'हे अलि' → 'हेल्लि' → 'हेली'. आपणे लोकबोलीमां साहेलीने
SR No.520576
Book TitleAnusandhan 2018 11 SrNo 75 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShilchandrasuri
PublisherKalikal Sarvagya Shri Hemchandracharya Navam Janmashatabdi Smruti Sanskar Shikshannidhi Ahmedabad
Publication Year2018
Total Pages220
LanguageSanskrit, Prakrit
ClassificationMagazine, India_Anusandhan, & India
File Size19 MB
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