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________________ १०४ अनुसन्धान-७५(१) तेने स्थापीने देवमन्दिर बनावता हता. कोई अक व्यक्तिले आवा ज स्तम्भनी स्थापना अहिं करी अने अणे मन्दिरनुं नाम कंकाळीदेवी- आप्युं जेना कारणे आ टेकरो कंकाळीटीला तरीके जाणीतो थयो. स्तूप अने जैन मन्दिरोने श्रावको धीरेधीरे विसरी गया. परन्तु स्थानीय लोको ओ टेकराने जैनी टोला तरीके ओळखता हता ओम ग्रोवसेजे "मथुरा - अ डीस्ट्रीक्ट मेमोर"मां नोंध्युं छे. मथुरामां जे स्थळे जम्बूस्वामी, निर्वाण ८४ वर्षे थयुं हतुं अने ज्यां तेमनां पगलां श्री हीरविजयसूरिजीना शिष्ये स्थापित कराव्यां हतां ते मन्दिर पण नाश पाम्युं हतुं. त्यांथी पण घणी प्रतिमाजीओ, स्तम्भो वगेरे मळी आव्या. आ स्थळ आजे पण चोर्याशीना नामे जाणीतुं छे ज्यां अमनी यादमां सुन्दर दिगम्बर मन्दिर तैयार थयुं छे. स्तूपनी प्रतिमाओनुं वैविध्य अने शिल्पो : __अहिंथी मळेल आदीश्वरजीनी सर्व प्रतिमाओ केशसहित छे. तो पार्श्वनाथनी धरणेन्द्रदेवना छत्र साथेनी छे. उपरान्त अरिष्टनेमिनी मूर्ति कृष्ण-बलराम साथे जोवा मळे छे. आवी प्रतिमा मथुरानगरनी विशिष्ट कलाकृति गणाय. सर्वतोभद्र प्रतिमाओ खड्गासनमा स्तम्भ उपर स्थापित कराती हती. ___ प्राचीन शिल्पोमां अक अगत्य शिल्प प्रभु महावीरना गर्भहरण- छे, जेमां आसन पर हरिणैगमेषी देव बिराज्या छे. उपरान्त अना पर 'भगवान नेमेशो' शब्द अंकित छे. बीजा ओक शिल्पमां ऋषभदेवजीने अप्सरा नीलांजनानुं नृत्य जोतां जीवननी क्षणभङ्गरता समजाई अने दीक्षा माटे प्रयाण कर्यु ओ प्रसङ्गनुं अङ्कन छे. आ जैन शिल्प भारतीय नृत्यकळामां अति प्राचीन गणाय छे. विश्वनी सौथी प्राचीन देवी सरस्वतीनी प्रतिमामां तेनी स्थापनानी तारीख, सरस्वतीनो नामोल्लेख, हस्तप्रत, जैनसाधु वगेरे छे. अहिंना स्तूप अने मन्दिरोना उत्खननमां चक्रेश्वरी, लक्ष्मी, अंबिका, कृष्ण, बलराम, सूर्य, कुबेर वगेरेनी स्वतन्त्र मूर्तिओ मळी छे. जैनोनुं आ अq स्थळ छे ज्यांथी दरेक काळनी जिनप्रतिमाओ प्राप्त थई छे. अहिंना शिलालेखोमां गुरुमहाराजोनां नामो अने वंशावली कल्पसूत्र अने नन्दीसूत्रनी पट्टावलीओने अनुरूप होवाथी जैनधर्मनी प्राचीन स्थिति जाणवा मळे छे. मोहे-जो-डेरोनी सभ्यता पछीनी जैन स्तूपनी इमारत : ई.स. १८८८-१८९२ सुधीमां ब्रिटिशरोओ मथुरानगरना घणा टेकराओनुं
SR No.520576
Book TitleAnusandhan 2018 11 SrNo 75 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShilchandrasuri
PublisherKalikal Sarvagya Shri Hemchandracharya Navam Janmashatabdi Smruti Sanskar Shikshannidhi Ahmedabad
Publication Year2018
Total Pages220
LanguageSanskrit, Prakrit
ClassificationMagazine, India_Anusandhan, & India
File Size19 MB
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